राहुल गांधी की किसान संदेश यात्रा का तीसरा दिन है. बुधवार को उन्होंने 5 गांवों का रास्ता नापा और शाम होते-होते अलीगढ़ की सरहद में दाखिल हो गए.
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर अपने हमले तेज करते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान समय में राज्य को ‘दलाल’ संचालित कर रहे हैं और मायावती सरकार ‘बड़े बिल्डरों’ की मदद करने के लिए भूमि हड़पने पर उतर आयी है.
राहुल कह रहे हैं कि उनका मकसद किसानों को हक़ दिलाना है, लेकिन विरोधी पार्टियां कह रही हैं कि राहुल यूपी की सियासी ज़मीन पर वोट उगाने निकले हैं.
अलीगढ़ में शनिवार को होने वाली ‘किसान महापंचायत’ के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से पदयात्रा पर निकले राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के तीसरे दिन किरपालपुर गांव में किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप एकजुट नहीं हैं. उत्तर प्रदेश बंटा हुआ है जिसके कारण राज्य को दलाल चला रहे हैं.’
मुख्यमंत्री मायावती के गढ़ में राहुल गांधी बांहें चढ़ाकर उनकी सियासी ज़मीन अपने पैरों से नाप रहे हैं. ग्रेटर नोएडा के भट्टा-परसौल से शुरू करके, वे अलीगढ़ में दाख़िल हो चुके हैं. पिछले तीन दिनों से राहुल गांव की ज़िंदगी जी रहे हैं. पेट भर रोटी-दाल और खटिया पर आराम.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव ने वादा किया कि संसद के समक्ष लाया जाने वाला भूमि अधिग्रहण विधेयक किसानों के पक्ष में होगा.
किसान संदेश यात्रा पर निकले राहुल किसी भी घर में चले जाते हैं. लोगों में उनके क़रीब पहुंचने की होड़ लग जाती है. जिस-जिस गांव में राहुल पहुंचे, चौपाल लग गई. हालांकि हर जगह बातें वहीं हुईं. ज़मीन और मुआवज़े की बातें, किसानों के लिए कांग्रेसी और ग़ैरकांग्रेसी सरकारों में फ़र्क की बातें.
उन्होंने अलीगढ़ के किरपालपुर, जहांगढ़ और कंसेरा गांवों के किसानों के दलों से मुलाकात की और सस्ती दरों पर जबर्दस्ती जमीनें अधिग्रहीत किये जाने के बाद किसानों को होने वाली दिक्कतों के बारे में बात की.
राहुल के इस अभियान से कितना फ़ायदा किसानों को मिलेगा और कितना कांग्रेस पार्टी को, सियासी गलियारों में इस पर गुणा-भाग चल रहा है. फ़िलहाल देखना ये है कि यात्रा का तीसरा दिन राजनीतिक रस्साकशी के किन रास्तों से होकर गुज़रता है.
राहुल ने कहा राज्य की भूमि अधिग्रहण नीति में ‘कई खामियां’ हैं. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण नीति किसानों से बात करके और उन्हें विश्वास में लेने के बाद बनायी जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री मायावती के लिए एक बार फिर चुनौती खड़े करते हुए राहुल गांधी आज एक बार फिर भट्टा-पारसौल पहुंचे. यहां से उन्होंने अपनी पद यात्रा शुरू की.
किसानों के आंदोलन का मुख्य केंद्र बने इन गांवों में राहुल लगभग दो महीने पहले भी गए थे, जिसके बाद आधी रात को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
कांग्रेस के महासचिव राहुल ने भट्टा-पारसौल को अपनी ‘किसान संदेश यात्रा’ का पहला पड़ाव बनाया.
प्रदेश में भू अधिग्रहण के विरोध में दो महीने पहले इस क्षेत्र में खासे विरोध-प्रदर्शन हुए थे.
राहुल गौतम बुद्ध नगर जिले के कई गांवों में गए, किसानों से मिले और उनकी परेशानियां जानने की कोशिश की. उन्होंने यहां सड़क किनारे पेड़ों के नीचे कई ‘चौपालें’ भी लगाईं.
यात्रा के दौरान राहुल के साथ चल रहे उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के मुताबिक, शाम तक राहुल लगभग 25 किमी पैदल चल चुके थे.
इस दौरान वह भट्टा-पारसौल के अलावा रुस्तमपुर, नागला भाटौना और दयानाथपुर गए.
राहुल ने दोपहर में नागला भाटौना के राजीव सिंह जाट के घर दाल, रोटी और छाछ का ‘देसी खाना’ खाया.
उनके आने की खबर सुनकर आस-पास के गांवों के कई लोग यहां एकत्रित हो गए थे.
राहुल के साथ चल रहे एक व्यक्ति के मुताबिक, राहुल इस दौरान खुद कम बोले और वह किसानों और गरीब ग्रामीणों की बात ज्यादा सुन रहे थे.
कांग्रेस महासचिव के रात में गौतम बुद्ध नगर की तहसील जेवर में रूके हुए थे.
मायावती सरकार ने राहुल को दिल्ली से लगे भट्टा-पारसौल में किसान महापंचायत करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था.
इसके चलते अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले अहम विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के बीच फिर टकराव की स्थिति निर्मित हो गयी है.
युवा नेता शनिवार को अलीगढ़ में होने वाली किसान महापंचायत के लिये समर्थन जुटाने के मकसद से यहां एक कार में सुबह छह बजे पहुंचे.
उन्होंने एक स्थान पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा, ‘भट्टा पारसौल में जो कुछ हुआ, बाकी की जनता उससे वाकिफ नहीं थी. मैं यहां से आगरा तक हो रहे भूमि अधिग्रहण को समझना चाहता कांग्रेस महासचिव, राहुल गांधी, किसान संदेश यात्रा, rahul gandhi, mission up 2012था.’
राहुल ने कहा, ‘मैंने यह यात्रा भट्टा से शुरू की. यहां से मैं गांवों में जाउंगा और इस अधिग्रहण, नये कानून तथा इस कानून के बारे में लोगों के विचारों को समझने की कोशिश करूंगा.
मैं समझना चाहता हूं कि कानून का कहां और किनके लिए पालन हो रहा है.’
राहुल ने कहा, ‘इसीलिए मैं यहां आया हूं और इसी बात को समझने के लिए दूसरे गांवों में भी जाउंगा.’ भट्टा पारसौल पहुंचने के बाद चारपाई पर बैठे राहुल काफी सहज नजर आ रहे थे.
उन्होंने अपनी गोद में स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे को बिठा रखा था. वह ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे. राहुल के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी मौजूद थे.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल की पद यात्रा का उद्देश्य लोगों से यह जानना है कि मायावती सरकार की भू अधिग्रहण नीति का उन पर क्या असर पड़ रहा है.
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘पद यात्रा यह जानने के लिए है कि मायावती सरकार की भू अधिग्रहण नीति के क्या फायदे हैं और उसका क्या असर पड़ रहा है.
राहुल कब, कहां जाएंगे, इस बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है.’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसी भी हिस्से में किसी भी किसान को अगर भू अधिग्रहण से जुड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो ऐसे किसान नौ जुलाई को अलीगढ़ में पार्टी की रैली में आएं और अपनी बात रखें.
राहुल को 11 मई की रात मायावती सरकार ने भट्टा-पारसौल में गिरफ्तार कर लिया था.
इसके कुछ ही देर बाद उन्हें रिहा भी कर दिया गया था.
वह भू अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने के लिए वहां गए थे.
पुलिस की इस कार्रवाई में चार लोगों की मौत हो गई थी.
राहुल ने ग्रामीणों से कहा कि कांग्रेस उनका पक्ष रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए महापंचायत आयोजित करा रही है.
राहुल के साथ चल रहे कांग्रेस नेताओं ने भट्टा-पारसौल के किसानों से कहा कि किसान महापंचायत पहले भट्टा-पारसौल में ही आयोजित कराई जा रही थी, लेकिन प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण इसका स्थान बदल कर अलीगढ़ करना पड़ा.
पिछले साल अगस्त में अलीगढ़ के कई इलाकों में भू अधिग्रहण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे.
यूपी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पदयात्रा जारी है. बुधवार को राहुल की यात्रा का दूसरा दिन है. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव से अलीगढ़ की तीन दिन की पदयात्रा पर हैं.
कई गांवों का दौरा कर राहुल किसानों से जमीन अधिग्रहण मामले में बातचीत कर रहे हैं.
ग्रेटर नोएडा के एक ऐसे ही गांव रुस्तमपुर में चौपाल पर बातचीत के दौरान राहुल ने एक बच्ची को गोद में उठा लिया.
राहुल के इस अंदाज से बच्ची के घरवाले बेहद खुश नजर आए. गांववालों ने उम्मीद जताई कि राहुल के आने से उनकी समस्याओं का हल निकल आएगा.
किसानों के हक की बोली बोलते राहुल ने दिन रात एक कर दिया है. दिन भर गांवों की ख़ाक छानने के बाद रात जेवर इलाके के रामपुर गांव में कल्लू पंडित के घर गुज़ारी.
मंगलवार को सारा दिन पैदल चलते हुए किसानो से मिलते रहे. भट्टा परसौल से शुरू हुई राहुल की पदयात्रा, धूल-मिट्टी और कीचड़ भरे रास्तों से होती हुई बढ़ती रही, हर गांव में राहुल किसानों की सुनते रहे, अपनी कहते रहे.
ख़ुद को किसानों के क़रीब दिखाने का कोई मौक़ा राहुल ने नहीं छोड़ा.
दोपहर के वक्त नांगला भिटौना गांव में, राजबीर के घर बनी दाल-रोटी खाई और खटिया पर आराम किया. अलबत्ता, पानी उन्होंने बोतल वाला पिया.
ठेठ गंवई अंदाज में वो किसानों के साथ बैठे. पास जब एक बच्ची आई तो उसे प्यार से गोद मे बिठा लिया.
राहुल की किसान संदेश यात्रा का सीधा सा मकसद है यूपी का मिशन 2012. लेकिन किसानों के दिल में उतरने की इस कोशिश का असर भी दिख रहा है.
राहुल की यात्रा के कई पड़ाव अभी बाक़ी हैं. वे उन तमाम गांवों में जाएंगे जहां जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान माया सरकार से ख़फ़ा हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के भट्टा पारसौल से ‘पदयात्रा’ शुरू करने के लिये पार्टी महासचिव राहुल गांधी की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम भूमि अधिग्रहण के चलते जमीन छीन जाने से बेजार किसानों की समस्याओं को महसूस करने की कोशिश का हिस्सा है.
सिंह ने संवाददाताओं से कहा ‘केन्द्र सरकार भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव करने जा रही है और राहुल की पदयात्रा भूमि अधिग्रहण के कारण परेशानियों का सामना कर रहे किसानों की वास्तविक समस्याओं को जानने की कोशिश है.
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को वस्तुत: नयी चुनौती देते हुए मंगलवार सुबह फिर भट्टा पारसौल गांव पहुंच गये.
राहुल गांधी इन गांवों में महिलाओं बच्चों और किसानों से मिले. राहुल की 9 जुलाई को अलीगढ़ में किसान महापंचायत होने वाली है. इसके लिए उन्होंने किसानों को लामबंद करना शुरू कर दिया है.
इस वक्त राहुल गांधी भाईपुर गांव में मौजूद हैं. इससे पहले वो अच्छेपुर और रुस्तमपुर गांव पहुंचे थे.
राहुल गांधी आज सुबह साढ़े पांच बजे परसौल गांव पहुंचे और अब तक वो चार गांवों का दौरा कर चुके हैं.
जहां करीब दो महीने पहले धरना देते वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था.
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज से किसान संदेश यात्रा का आगाज किया है.. उन्होंने अपनी इस यात्रा का आगाज ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल गांव से किया है.
मैंने यह यात्रा भट्टा से शुरू की. यहां से मैं गांवों में जाउंगा और इस अधिग्रहण, नये कानून तथा इस कानून के बारे में लोगों के विचारों को समझने की कोशिश करूंगा.’
राहुल ने कहा, ‘भट्टा पारसौल में जो कुछ हुआ, बाकी की जनता उससे वाकिफ नहीं थी. मैं यहां से आगरा तक हो रहे भूमि अधिग्रहण को समझना चाहता था.
भट्टा पारसौल में पहुंचने के बाद चारपाई पर बैठे राहुल काफी सहज नजर आ रहे थे. उन्होंने अपनी गोद में स्कूल यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे को बिठा रखा था. वह ग्रामीणों से बातचीत कर रहे थे. राहुल के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी मौजूद थे.
मायावती सरकार ने राहुल को दिल्ली से निकट स्थित भट्टा पारसौल में किसान महापंचायत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. इसके चलते अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले अहम विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के बीच फिर टकराव की स्थिति निर्मित हो गयी है.
युवा नेता शनिवार को अलीगढ़ में होने वाली किसान महापंचायत के लिये समर्थन जुटाने के मकसद से यहां एक कार में सुबह छह बजे पहुंचे.
भट्टा पारसौल में भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर दो महीने पहले व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था. राहुल अपनी ‘किसान संदेश यात्रा’ के पहले पड़ाव के तहत यहां पहुंचे हैं.
राहुल ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के गढ़ रहे भट्टा पारसौल में करीब दो महीने पहले हुए अपने दौरे और आधी रात को हुई गिरफ्तारी के बाद फिर इस गांव का रुख किया है.