निरीह और बेजुबान जानवरों को बचाने के लिए विश्व के कई देशों में लोग संगठित हो रहे हैं.
ऐसे ही एक संगठन का नाम है पेटा, यानी पीपल फॉर इथीकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स.
यह संगठन लोगों को जानवरों की हत्या के खिलाफ जागरूक करता है और शाकाहार के लिए प्रेरित करता है.
बॉलीवुड और हॉलीवुड से जुड़ी कई हस्तियां इस संगठन से जुड़ी हुई हैं.
बॉलीवुड कलाकार गुलशन ग्रोवर भी पेटा से सक्रिय रूप से जुड़े हैं.
हाल ही में गुलशन ग्रोवर ने एक कार्यक्रम में इस मुहिम को आगे बढ़ाया.
ऐश्वर्या राय से लेकर राखी सावंत तक कई बॉलीवुड हस्तियां पेटा के जागरूकता अभियान से जुड़ी रही हैं.
12 जनवरी को पेटा अपना ग्यारहवां साल पूरा कर चुका है.
पेटा की भारत प्रमुख पूर्वा जोशीपुरा का कहना है कि सितारों की लोकप्रियता ने पेटा के संदेश को करोड़ों लोगों तक पहुंचाने मे मदद की है.
अब लोगों को यह संदेश समझ में आने लगा है कि जानवर हमारे लिए केवल खाने, पहनने, मनोरंजन और उपभोग की चीज नहीं हैं.
हार्ड कौर भी पेटा से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं.
कार्यक्रम में हार्ड कौर ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करवाई.
पेटा के लिए चलाए जाने वाले संघर्ष में हार्ड कौर में शामिल हैं.
जानवरों को उनकी जान उतनी ही प्यारी होती है, जितना कि इंसानों को.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह विचार जिस तरह से मजबूती से फैला है, भारतीय अभियानों में इसकी कमी महसूस होती है.
हार्ड कौर की इस अदा पर भला कौन न हो जाए फिदा...
बॉलीवुड सितारे जो पेटा से जुड़े हुए हैं, उनमें ऐश्वर्या राय, रवीना टंडन, जॉन अब्राहम, लारा दत्ता, गुलशन ग्रोवर आर माधवन, राहुल बोस, शिल्पा शेट्टी, आदि प्रमुख हैं.
इस सूची में राखी सावंत, रवि शंकर और उनकी बेटी अनुष्का शंकर, सेलिना जेटली, सोनम कपूर इत्यादि का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है.
हार्ड कौर का यह पोज भी देखने लायक है.
बेहद मनमोहक अदा दिखलाती हार्ड कौर.
हार्ड कौर अब इस मुहिम से बेहद अच्छी तरह जुड़ गई हैं.
गुलशन ग्रोवर का कहना है, 'पेटा के लिए काम करना मेरे लिए समाजसेवा है.'
गुलशन ग्रोवर लगातार छह सालों से पेटा से जुड़े हुए हैं. गुलशन हिन्दी फ़िल्मों के बेजोड़ विलेन और मंजे हुए कलाकार हैं.
गुलशन ग्रोवर का जन्म 21 सितंबर, 1955 को हुआ था.
कार्यक्रम में रवीना टंडन ने भी रौनक लाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.
पेटा की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए ये कलाकार मेहनत करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
हालांकि भारतीय अभियानों में नग्नता होने के सवाल पर एड गुरु एलिक पद्मसी का कहना है कि युवा तो इसे पसंद करेंगे, लेकिन बुजुर्ग इसका विरोध करेंगे.