जयंती नटराजन को पर्यावरण और वन विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है.
डिब्रुगढ़ से सांसद पवन सिंह घाटोवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास का विभाग सौंपा गया है.
कोरपोरेट मामले के मंत्री मुरली देवड़ा को पद से हटा दिया गया है.
जहाजरानी और रेलवे राज्य मंत्री मुकुल राय से रेलवे विभाग वापस ले लिया गया है.
खेल मंत्री एम एस गिल को हटाया गया.
मिलिंद देवड़ा को संचार और सूचना प्रौद्योगिकी सौंपा गया है.
वी किशोर चंद्र देवः जनजातीय मामले और पंचायती राज
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी से अपनी समीपता के लिए जाने जाने वाले जितेंद्र सिंह को गृह मामला सौंपा गया है.
जयराम रमेश का कद ऊंचा किया गया है अब उन्हें कैबिनेट का दर्जा मिला है. उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया है.
हरीश रावत कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और संसदीय मामले के मंत्री बनाये गए हैं.
गुरूदास कामत को गृह और संचार मंत्रालय से एक नये मंत्रालय पेयजल और स्वच्छता में स्वतंत्र प्रभार के साथ भेजा गया है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी को रेल विभाग सौंपा गया है.
छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के अकेले सांसद चरण दास महंत ने कृषि और खाद्य संस्करण में राज्य मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में प्रवेश किया है.
बेनी प्रसाद वर्मा को इस्पात मंत्रालय सौंपा गया है.
अश्विनी कुमार से संसदीय मामले मंत्रालय को वापस ले लिया गया है जिसे हरीश रावत को सौंपा गया है.
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अरूण यादव को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
इस्पात राज्य मंत्री ए साई प्रताप को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान में भेजा गया है.
एम वीरप्पा मोइली को कानून मंत्रालय से हटाकर कोरपोरेट मामले में भेज दिया गया.
सुदीप बंदोपाध्याय को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सौंपा गया है.
कांतिलाल भूरिया से आदिवासी मामला वापल ले लिया गया है.
आनंद शर्मा का विभाग बदल दिया गया है, उन्हें वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
श्रीकांत जेना ने 2009 में राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद नाराजगी जाहिर की थी. उन्हें सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. हालांकि वह रसायन और उर्वरक विभाग में राज्य मंत्री बने रहेंगे.
कानून मंत्री की कुर्सी सलमान खुर्शीद के हवाले कर दी गई.
राजीव शुक्ला को संसदीय मामले का मंत्रालय सौंपा गया है.
जल संसाधन के अतिरिक्त प्रभार पी के बंसल को दिए गए हैं.
तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी का दर्जा बढ़ाकर उन्हें केबिनेट में जगह दी गई.