लोकसभा में नियम 184 के तहत बीजेपी नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने चर्चा की शुरुआत की.
लोकसभा में पिछले 7 साल में 12वीं बार महंगाई पर चर्चा हो रही है.
लोकसभा को संचालित करती अध्यक्ष मीरा कुमार धीर गंभीर मुद्रा में.
चर्चा की शुरुआत करते हुए यशंवत सिन्हा ने कहा कि इस महंगाई के कारण कई लोग मिट्टी में मिल चुके हैं.
उन्होंने कहा कि बढ़ी कीमतों की सबसे ज्यादा मार गरीब आदमी पर पड़ी है जो अपना परिवार चलाने में भी असमर्थ हो गया है.
उन्होंने कांग्रेस की सरकार से सवाल किया कि आखिर प्रस्तावित नई खाद्य नीति लागू क्यों नहीं की गई.
सिन्हा ने बताया कि महंगाई की वजह से पिछले 2 साल में 6 लाख करोड़ अतिरिक्त खर्च हुए हैं और अगर महंगाई को काबू में रखा जाता तो उस पैसे का कहीं और इस्तेमाल किया जा सकता था.
सिन्हा ने यह भी कहा कि इस महंगाई के कारण 5 करोड़ और भारतीय गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं.
सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई के सवाल पर सरकार कहती है कि वो मजबूर है.
सिन्हा ने कहा कि सरकार कभी मजबूर नहीं हो सकती क्योंकि मजबूर सरकारें किसी का भला नहीं कर सकतीं.
सिन्हा ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि कृषि मंत्रालय अक्सर ये बातें करता है कि देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ.
उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में प्रतिव्यक्ति खाद्यान्न की मात्रा में कोई कमी नहीं आई है तो फिर लगातार बढ़ती महंगाई का कारण क्या है.
बढ़ती आबादी के बावजूद भी प्रति व्यक्ति खाद्यान्न की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आई है.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की रसोई में आग लग गई है.
बंसल ने कहा कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी इस चर्चा का जवाब देंगे. यह चर्चा दोपहर 12 बजे लोकसभा में शुरू हुई है.
सरकार के सूत्रों ने कहा कि चूंकि कांग्रेस भी महंगाई के विरोध में है, इसलिये वह ऐसी कोई धारणा बनने नहीं देना चाहती कि पार्टी मूल्यवृद्धि का बचाव कर रही है. यही कारण है कि विपक्ष के साथ सहमति बनायी गयी है
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने चर्चा के लिये यह प्रस्ताव पेश किया.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी यशवंत सिन्हा को सुनते हुए.
महंगाई पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए यह सदन सरकार से मूल्यवृद्धि रोकने के लिये तुरंत प्रभावी कदम उठाने का आह्वान करता है ताकि आम आदमी को राहत दी जा सके.
लोकसभा में लाया गया प्रस्ताव कहता है, ‘सदन में महंगाई के मुद्दे पर बार-बार की चर्चा के बावजूद आम आदमी पर बढ़ी हुई कीमतों का बोझ अब भी पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर विकास की सोच खत्म होनी चाहिए.
संसद में बैठे कृषि मंत्री शरद पवार ध्यान से बहस को सुनते हुए.
उन्होंने कहा हकि पिछले 1 साल में भारतीयों ने विदेशों में 44 बिलियन डॉलर निवेश किए हैं. सिन्हा ने देश में रिटेल क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी ना देने की बात भी कही.
कॉरपोरेट जगत पर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत का व्यापारी वर्ग अब भारत में नहीं बल्कि विदेशों में निवेश कर रहा है.
बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी ध्यान से यशवंत सिन्हा की बात सुनते हुए.