सरकार के अहंकार और हर वार का दमन करते हुए तिहाड़ जेल से रामलीला मैदान तक पहुंचे अन्ना हजारे और उनकी टीम ने जंग का दायरा बढ़ा दिया है.
अन्ना के सत्याग्रह से सहमी सरकार मानो अपने खोल में सिमटती जा रही है.
तेज बारिश के बावजूद अन्ना हजारे के लिए दिल्ली में जनता सड़कों पर उतर आई.
अन्ना ने रामलीला मैदान से हुंकार भरी कि जन लोकपाल विधेयक से कम पर उन्हें कुछ मंजूर ही नहीं.
अन्ना ने 30 अगस्त से जन लोकपाल के लिए जेल भरो आंदोलन की घोषणा कर पहले से ही बैकफुट हो चुकी सरकार की मुसीबतें और बढ़ा दीं हैं.
चिंतन और मंथन के बाद भी सरकार अंधेरे में ही तीर चला रही है.
चिंतन और मंथन के बाद भी सरकार अंधेरे में ही तीर चला रही है.
अन्ना ने समर्थन में आया एक युवक गांधी जी की वेशभूषा में.
अन्ना हजारे के साथ भूख-हड़ताल पर बैठने वाले दूसरे राज्यों से आने वाले अनशनकारियों की स्थिति अजीब है.
अन्ना के रामलीला मैदान पहुंचते ही पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हो गया. एक तरफ धीमी बारिश और दूसरी तरफ अन्ना हजारे के साथ जुड़े गायक नीतिन के देशभक्ति के गीत.
अन्ना का स्वागत रामलीला मैदान में लगभग 15 हजार लोगों की भीड़ के साथ मूसलाधार बारिश ने की.
अन्ना हजारे के समर्थन में रामलीला मैदान पर जुटे लोग.
अन्ना ने साफ कर दिया है कि वह बिना लोकपाल के अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे.
लोगों को रामलीला मैदान के मंच से संबोधित करते स्वामी अग्निवेश.
शाम को डॉ.नरेश त्रेहन ने स्वयं बताया कि अन्ना पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.
अन्ना के समर्थकों को बारिश भी नहीं रोक पाई.
अन्ना ने कहा कि भले उनका वजन तीन किलो घट गया है, लेकिन उनकी ऊर्जा बनी हुई है. ऐसा देश के युवाओं के कारण संभंव हुआ है.
डा नरेश त्रेहन ने बताया कि अन्ना अभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
अन्ना जब तिहाड़ से निकले तो भारी तादाद में सड़कों पर उनके साथ भीड़ मौजूद थी.
रामलीला मैदान पर तिरंगा झंडा लहराती किरण बेदी और मंच पर बैठे अन्ना हजारे.
राजघाट से रामलीला मैदान पर आने के बाद मीडिया ने अन्ना हजारे को घेर लिया.
रामलीला मैदान में मीडिया से बात करते अन्ना हजारे.
अन्ना ने 1970 में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प किया.
मुम्बई पोस्टिंग के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे.
जम्मू पोस्टिंग के दौरान 15 साल फौज में पूरे होने पर 1975 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और गांव में आकर डट गए.
अन्ना ने अपने गांव की तस्वीर ही बदल दी. उन्होंने अपनी जमीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी.
आज भी अन्ना की पेंशन का सारा पैसा गांव के विकास में खर्च होता है.
अन्ना गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं.
अन्ना के गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है. आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है.
गांव में एक तरह का रामराज है. गांव में तो उन्होंने रामराज स्थापित कर दिया है.
रामलीला मैदान पहुंचने पर अन्ना हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में अहिंसा के साथ नई क्रांति होगी.
अन्ना ने आंदोलनकारियों से आह्वान किया कि किसी भी कीमत पर जोश कम नहीं होना चाहिए.
अन्ना ने कहा कि जब तक देश को जनलोकपाल बिल नहीं मिलेगा, वे सभी मैदान नहीं छोड़ेंगे.
मैदान के मंच से अन्ना ने लोगों को याद दिलाया देश में 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन हुआ था.
अन्ना ने रामलीला मैदान पर कहा कि अंग्रेज तो देश से चले गए, पर भ्रष्टाचार और गरीबी रह गई.
अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार को भी देश से भगाना है. उन्होंने कहा कि हम गरीब तबके को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं.
अन्ना हजारे ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा, 'कभी झुकना नहीं. अन्ना रहे न रहे, पर क्रांति की मशाल जलती रहनी चाहिए है.'
अन्ना ने कहा कि युवा शक्ति देश की शक्ति है. भारत में अब एक नई क्रांति करनी है.
अपने स्वास्थ्य की ओर इशारा करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि चाहे वजन भले ही घटे, पर जोश कम नहीं होना चाहिए.
अन्ना ने लोगों से अपील की कि राष्ट्रीय संपत्ति को किसी तरह नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.
अन्ना के आंदोलन में शामिल हुए बॉलीवुड कलाकार राजा बुंदेला.
अन्ना हजारे के स्वास्थ्य की जांच करने पहुंची डा नरेश त्रेहन की टीम.
रामलीला मैदान से अन्ना हजारे ने भरी हुंकार.
रामलीला मैदान में एक बच्ची को अपनी गोद में लिए बैठे अन्ना हजारे.
लोगों को लोकपाल के बारे में सरकार के रवैया से मुखातिब कराते स्वामी अग्निवेश.
लोगों को अपने अनशन की जानकारी देते अन्ना हजारे.
रामलीला मैदान पर अन्ना हजारे के समर्थन में भारी तादाद में लोग इकट्ठा हुए.
अन्ना ने कहा कि वह अभी भी पांच किलोमीटर की पदयात्रा कर सकते हैं.
अन्ना हजारे ने कहा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ और ऊर्जा से लबरेज हैं.
प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर मंगलवार से तिहाड़ जेल में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे शुक्रवार को जेल से बाहर आए.
अन्ना हजारे अब रामलीला मैदान में कम से कम 15 दिनों तक भूख हड़ताल कर सकेंगे.
अनशन पर जाने से अन्ना को रोकने की तमाम कोशिशें विफल होने के बाद सरकार को आखिरकार उनके आगे झुकना ही पड़ा और उनकी मांगे माननी ही पड़ी.
रामलीला मैदान में अपने अनशन के दौरान आराम करते अन्ना हजारे.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक पुस्तक 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी.
छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए. उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई.
अन्ना के समर्थन में रामलीला मैदान पर उमड़ा जनसैलाब.
अन्ना को रामलीला मैदान पर भी लोगों का भारी समर्थन मिला.
अन्ना के समर्थन में रामलीला मैदान पर उमड़ा जनसैलाब.
परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर अन्ना दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे.
परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं. वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की.
अन्ना हजारे की जांच के बाद लोगों को बताते डा नरेश त्रेहन.
दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया. अन्ना के 6 भाई हैं.
अन्ना के पुश्तैनी गांव अहमद नगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि में था.
अन्ना के पिता मजदूर थे, दादा फौज में थे. दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी.
15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में जन्मे अन्ना हजारे का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा.
अन्ना हजारे का वास्तविक नाम किसन बाबूराव हजारे है.