भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन और लोकपाल विधेयक पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सार्वजनिक बयानों पर गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए गैर राजग नौ राजनीतिक दलों के समूह ने कहा कि जब संसद का सत्र चल रहा हो, तो इस प्रकार का बयान देना और संसद को नजरंदाज करना अनुचित है.
इस मुद्दे पर संसद भवन के मुख्य द्वार पर धरना दे रहे वाममोर्चा समेत नौ दलों के समूह का कहना है कि प्रधानमंत्री या सरकार को जो कुछ कहना है वह सदन में कहें.
नौ दलों के समूह में वाममोर्चा के अलावा जद एस अध्यक्ष एच डी देवगौड़ा, तेदेपा के नामा नागेश्वर राव आदि शामिल थे.
माकपा नेता सीताराम येचूरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जब संसद का सत्र चल रहा हो, तो सरकार का इस प्रकार से बाहर बयान देना ठीक नहीं है. सरकार को सदन में औपचारिक रूप से अपनी बात रखनी चाहिए. संसद को इस प्रकार से नजरंदाज करना अनुचित है.’
भाकपा के डी राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को निश्चित रूप से लोकपाल के दायरे में आना चाहिए.