प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ्तार की पार्टी दी है.
देखिए कैसी विडंबना है यह. एक ओर अनशन करते अन्ना हजारे तो दूसरी ओर विभिन्न पार्टियों के नेता एक जगह इक्ट्ठे होकर दावत उड़ा रहे हैं.
यह संयोग है कि यह अन्ना हजारे का अनशन का 9वां दिन है और आज ही अन्ना हजारे की मांगों को सर्वदलीय बैठक में नामंजूर भी कर दिया गया है.
जहां एक ओर अन्ना हजारे को अनशन पर बैठे 9 दिन हो चले हैं वहीं दूसरी ओर देश के सभी बड़े नेता इस पार्टी में आमंत्रित किए गए हैं. ये नेता बाहर तो विरोधी हैं लेकिन इस तस्वीर में एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले खड़े हैं.
इससे पहले सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों की मीटिंग में अन्ना हजारे के प्रस्तावित जनलोकपाल को ध्वनिमत के खारिज कर दिया गया है.
इतना ही नहीं इस मीटिंग में लोकपाल बिल को संसद के मानसून सत्र में पारित किए जाने पर असहमति भी जताई गई है.
हालांकि सभी पार्टियों ने प्रधानमंत्री को एक नया ड्रॉफ्ट लेकर आने पर सर्वसम्मति बन गई है.
अन्ना की सेहत में लगातार गिरावट आता दिख रहा है और सरकार नहीं चाहती कि अन्ना अपना अनशन जारी रखें.
सरकार के मंत्री यहां तक की प्रधानमंत्री भी लगातार अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील कर रहे हैं.
अन्ना हजारे को अनशन करते 200 घंटे से ज्यादा हो चुका है और वो निर्बाध अनशन पर डटे हैं.
अनशन पर डटे अन्ना हजारे को सरकार पर विश्वास नहीं है कि सरकार सिविल सोसाइटी के प्रस्तावों पर ध्यान देगी.
इफ्तार पार्टी में शिरकत करने में कोई भी बड़ा नेता पीछे नहीं रहना चाहता था.
लोकपाल जैसे अहम मसलों को पीछे छोड़कर सियासी पार्टियां दावत के लिए एकजुट हो गईं.
संसद का वक्त बर्बाद करने वाले नेता ऐसे ही मौकों पर एकजुट हुआ करती हैं.
इफ्तार दावत की मेजबानी करते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह.