जन लोकपाल विधेयक की मांग पर 19 अगस्त से रामलीला मैदान में अपने अनशन की शुरुआत करने वाले गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरकार को संकेत दिया कि यह आंदोलन संभवत: लंबा खिंचने वाला है. उन्होंने कहा है कि जब तक जन लोकपाल विधेयक नहीं लाया जाता तब तक वह रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे.
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने 14 अगस्त को हजारे पर ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था.
तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद अनशन के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे गांधीवादी अन्ना हजारे के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए लोगों का बड़ा हुजूम यहां उमड़ पड़ा.
19 अगस्त को ही अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अपना रुख और कड़ा करते हुए सरकार से 12 दिन के भीतर ‘जन लोकपाल विधेयक’ को पारित करने की मांग की और कहा कि विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह अंतिम सांस तक अनशन जारी रखेंगे.
16 अगस्त को अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया.
जैसे जैसे अन्ना का अनशन आगे बढ़ा उनकी सेहत भी खराब होने लगी. हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है लेकिन उनपर गहन नजर रखे जाने की जरूरत है.
21 अगस्त को केन्द्रीय वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने लोकपाल विधेयक पर सरकार का रुख साफ कर दिया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मेरे पास जोड़ने के लिए कुछ भी नहीं है.’
लोकपाल विधेयक पर टीम अन्ना और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को तोड़ पाने में सफलता नहीं मिल पाई है हालांकि दोनो पक्षों के बीच गहन वार्तालाप में कुछ मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन सात मुद्दों पर मतभेद अभी बने हुए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की बात शामिल है.
22 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार हजारे पक्ष से बातचीत को तैयार है. दूसरी ओर अन्ना हजारे ने कहा कि जन लोकपाल बिल पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री अपना प्रतिनिधि भेजें.
अन्ना हजारे के अनशन और जनलोकपाल बिल को लेकर कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक हुई.
अपने अनशन के आठवें दिन 23 अगस्त को अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान के मंच से एक बार फिर यह बात दोहराई कि संसद ने अगर 30 अगस्त तक जन लोकपाल विधेयक के बारे में कुछ नहीं सोचा तो हजारों लोग अपने-अपने सांसदों के घर के बाहर धरना देंगे.
21 अगस्त को गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन के छठे दिन में प्रवेश करने के बीच उनका वजन चार किलोग्राम कम हो गया और उनका स्वास्थ्य स्थिर रहा. डॉक्टरों की टीम ने यह जानकारी दी.
सरकार और अन्ना हजारे पक्ष के बीच 24 अगस्त की रात हुई वार्ता बेनतीजा रही. दोनों पक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर मतभेद का समाधान निकालने में विफल रहे. इसके बाद हजारे पक्ष ने यह कहा कि वे वहीं पहुंच गए हैं जहां से चले थे.
सरकार और अन्ना हजारे के बीच गतिरोध को समाप्त करने के प्रयासों के बीच महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख ने 25 अगस्त को गांधीवादी से मुलाकात की और उनसे अपना अनशन समाप्त करने की अपील की.
बीजेपी नेता वरुण गांधी भी रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन स्थल तक पहुंचे. हालांकि वो मंच पर नहीं गए और लोगों के साथ ही बैठे रहे. वरुण गांधी कह चुके हैं कि वो प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में पेश करेंगे.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने भी अन्ना हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की.
अन्ना हजारे और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता साफ करने के लिए श्री श्री रविशंकर ने भी अपनी तरफ से पहल की.
केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने टीम अन्ना के तीन प्रमुख सदस्यों के साथ जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा की और उसके बाद सर्वदलीय बैठक में भी इस मसले पर विचार किया गया, जिसमें वामपंथी दलों और भाजपा ने सरकार से अपना लोकपाल विधेयक वापस लेने को कहा, जिसपर संसदीय स्थायी समिति विचार कर रही है.
24 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूरी उदारता से स्वीकार किया कि सरकार बंधन में है, जिससे समस्या के व्यावहारिक और सार्थक समाधान के साथ बाहर आना है.
एमसीडी ने टीम अन्ना को अनशन के लिए रामलीला मैदान दे तो दिया लेकिन वहां व्यवस्था ठीक नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा.
हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी अन्ना का समर्थन करने रामलीला मैदान पहुंचे.
देश के हर हिस्से में लोग अन्ना हजारे के समर्थन में सड़कों पर उतर आए.
सरकार के साथ 24 अगस्त को हुई बातचीत के विफल हो जाने की जानकारी देते अरविंद केजरीवाल.
सरकार की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को टीम अन्ना से बातचीत के लिए नियुक्त किया गया. हालांकि टीम अन्ना ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार को अन्ना के अनशन से कुछ भी लेना देना नहीं है, जिसपर प्रणव मुखर्जी का कहना था कि उनकी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है.
24 अगस्त को अनशन के नौवें दिन से गांधीवादी अन्ना हजारे चिकित्सकों की सलाह के बावजूद ग्लूकोज चढ़वाने के लिए तैयार नहीं हुए. हजारे के करीबी सहयोगी मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं को बताया, ‘अन्ना ने ग्लूकोज चढ़वाने से इंकार कर दिया है.
अभिनेता राघुवीर यादव भी अन्ना का समर्थन करने रामलीला मैदान पहुंचे. वहां उन्होंने फिल्म 'पीपली लाइव' का गाना 'महंगाई डायन' भी गाया.
सरकार अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक सहित लोकपाल विधेयक के विभिन्न मसौदों पर 26 अगस्त को लोकसभा में चर्चा कराने के विकल्पों की तलाश कर रही है. संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने लोकसभा में सदन के नेता एवं वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से इस बारे में गहन चर्चा की.
अन्ना हजारे के अनशन को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ.
अन्ना के समर्थन में रामलीला मैदान पहुंचे भोजपुरी गायक व अभिनेता मनोज तिवारी.
25 अगस्त को प्रधानमंत्री ने लोकसभा में बयान दिया कि सरकार जनलोकपाल समेत लोकपाल के जितने मसौदे सरकार के पास आए हैं, उनसब पर बहस के लिए तैयार है.
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अन्ना हजारे के खिलाफ आरोप लगाने के लिये माफी मांग ली और गांधीवादी नेता से अपना दस दिन पुराना अनशन तोड़ लेने की अपील की.
सरकार और अन्ना हजारे पक्ष के बीच कायम गतिरोध के बीच सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने 24 अगस्त की रात दावा किया कि पुलिस इस गांधीवादी को रामलीला मैदान से जबरन उठा सकती है.
सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद रामलीला मैदान में समर्थकों को संबोधित करते सिविल सोसायटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल.
बीजेपी ने अन्ना हजारे के लोकपाल बिल को पूरा समर्थन व्यक्त किया है. पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी.
अन्ना हजारे की तीन महत्वपूर्ण मांग है: राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, सभी सरकारी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में हों तथा सभी सरकारी कार्यालयों में सिटिजन चार्टर बने. इन सभी मांगों पर बीजेपी तो अन्ना के साथ है लेकिन सरकार कहती है कि इनपर चर्चा करने की जरूरत है.
इस बीच समाजसेवी अरुणा राय भी अपना एक लोकपाल बिल लेकर सामने आई. अरुण राय ने कहा कि वो ना तो सरकारी लोकपाल बिल से सहमत हैं और ना ही जन लोकपाल से. उन्होंने यह भी कहा कि वो अपने बिल को लेकर स्टैंडिंग कमेटी में भी जाएंगी.
राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अब अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए तो जनता नेताओं को सड़कों पर निकलने नहीं देगी.
जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे के समर्थन में ये तीन युवक गांधी जी के तीन बंदर बन गए.
अन्ना हजारे की तीन महत्वपूर्ण मांग है: राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, सभी सरकारी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में हों तथा सभी सरकारी कार्यालयों में सिटिजन चार्टर बने.