बारह दिन तक चले नाटकीय घटनाक्रमों पर आखिरकार पर्दा डालते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शनिवार शाम को एलान किया कि वह कल सुबह दस बजे अपना अनशन तोड़ देंगे.
हजारे ने यह एलान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पैगाम उन तक केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख द्वारा पहुंचाये जाने के बाद किया.
देशमुख करीब रात नौ बजे रामलीला मैदान पहुंचे और मनमोहन सिंह का पत्र हजारे को सौंपा.
प्रधामनंत्री ने पत्र में हजारे से कहा कि संसद के दोनों सदनों ने लोकपाल के विषय में उनके द्वारा उठाये गए तीन मुद्दों पर ‘प्रस्ताव’ कर दिया है और वह अविलंब अपना अनशन तोड़ दें.
देशमुख के साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित भी थे.
देशमुख के साथ कांग्रेस के सांसद संदीप दीक्षित भी हजारे के पास सरकार का पैगाम लेकर आये.
हजारे ने इसके बाद कहा कि वह पूरी संसद के शुक्रगुजार हैं और वह रविवार सुबह 10 बजे अनशन तोडना चाहते हैं.
इसके बाद हजारे रामलीला मैदान पर मौजूद जन सैलाब से कहा कि वे सुबह 10 बजे अनशन तोड़े? इस पर हजारे समर्थकों ने हाथ उठाकर अपनी हामी जतायी.
पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकपाल के विषय में आपके उठाये तीन मुद्दों पर संसद ने चर्चा कर प्रस्ताव पारित कर दिया है.
मेधा पाटकर ने भी इस घटनाक्रम पर प्रसन्नता जाहिर की.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल मुद्दे पर संसद द्वारा ‘सदन की भावना’ मंजूर करने को ‘जन इच्छा’ बताया.
केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख प्रधानमंत्री की चिट्टी हजारे को सौंपी. देशमुख के साथ कांग्रेस महासचिव विलास मुत्तेवार और पार्टी सांसद संदीप दीक्षित भी थे.
मुत्तेवार को प्रधानमंत्री की चिट्ठी और ‘सदन की भावना’ मराठी में अनुवाद करने को कहा गया है.
देशमुख ने कहा, प्रधानमंत्री ने उस सहमति के बारे में हजारे को बताया जो सदन के प्रस्ताव में है और उन्होंने हजारे की चिंताओं के बारे में कहा है.
इसके बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है.
उतार चढ़ाव भरे घटनाक्रमों के बीच हजारे से मिलने पहुंचे देशमुख ने 12 दिन से अनशनरत गांधीवादी को प्रधानमंत्री का पत्र पढ़कर सुनाया.
संसद के दोनों सदनों में हजारे के मुद्दो पर ‘सदन की भावना’ पारित होने के बाद देशमुख और दीक्षित यहां पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री ने पत्र में कहा कि पारित हुए प्रस्ताव के मुताबिक संसद इस बात पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हुई है कि प्रस्तावित लोकपाल के तहत एक नागरिक संहिता बनायी जायेगी.
केंद्र सरकार के सभी स्तर के कर्मियों को लोकपाल के दायरे में लाने की व्यवस्था होगी और राज्यों में लोकायुक्त का गठन किया जायेगा. इसके मद्देनजर आप अब अपना अनशन अविलंब तोड़ दें.
इस पर हजारे ने कहा कि वह सभी सांसदों को इसके लिये बधाई देते हैं लेकिन ये आधी जीत है. पूरी जीत अभी बाकी है.
हजारे ने कुछ सांसदों द्वारा उनके अनशन के 12 चलने पर कथित तौर पर संदेह जाहिर करने के पर कहा कि ये मेरे ब्रह्मचर्य की ताकत है और जिनकी आठ-आठ संताने हैं वह इसे नहीं समझ सकते हैं.
हजारे ने कहा कि ये दिन 12 दिन उनका साथ देने वाले कार्यकर्ताओं की जीत है. हमें इसका जश्न मनाना है लेकिन शांतिपूर्वक तरीके से.
इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित होने को जनता की सबसे बड़ी जीत बताया.
केजरीवाल ने कहा, आजादी के बाद संभवत: ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई कानून जन भगीदारी से बनने जा रहा है.
केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के मुद्दे पर सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन सरकार के साथ अबतक हुई बैठकों में यह संकेत मिले हैं कि सरकार इसके प्रति अनिच्छुक नहीं है.
केजरीवाल ने कहा कि न्यायपालिका के मुद्दे पर वह न्यायिक जवाबदेही विधेयक के जरिए उचित प्रावधान रखने पर जोर देंगे.
केजरीवाल ने कहा कि यह बड़ी जीत है, मगर शुरुआत छोटी है. उन्होंने बताया कि हजारे कल अनशन तोड़ने के बाद अस्पताल जा सकते हैं ताकि कुछ दिनों तक स्वास्थ्य लाभ ले सकें.
प्रशांत भूषण ने कहा कि हजारे के उठाए मुद्दों पर संसद में प्रस्ताव पारित होना हिन्दुस्तान के लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत है. उन्होंने कहा, हम आधी लड़ाई जीत चुके हैं.
प्रस्ताव में किसी समयसीमा का उल्लेख नहीं है, लेकिन हम पूरा कानून बनने तक इंतजार करेंगे. यह संसद पर निर्भर करेगा कि वह जनता के लिहाज से इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर किस तरह से फैसला करती है.
इस मौके पर किरण बेदी ने ‘संसद की भावना’ के बारे में कहा, हम अब और तकनीकी पहलुओं में नहीं उलझना चाहते और हम इसे जनता की बड़ी जीत मानते हैं.
संसद ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को सदन की भावना से अवगत कराने का फैसला किया जिसके बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, संसद में चर्चा हुई.
दोनों सदनों में सहमति थी. संसद की इच्छा लोगों की इच्छा है. हजारे को भेजे पत्र में सिंह ने उनसे 12 दिनों से जारी अनशन खत्म करने की अपील की.
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हजारे को रक्तचाप और कमजोरी की समस्या है व उनका वजन साढ़े सात किलोग्राम घट गया है. उन्होंने बताया कि हजारे कुछ दिनों तक स्वास्थ्य लाभ लेंगे.
ऐसी संभावना है कि हजारे कल गुड़गांव स्थित मेदांता मेडीसिटी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए जाएंगे, जहां के डॉ. नरेश त्रेहन लगातार उनके स्वास्थ्य की देखरेख कर रहे हैं.
जन लोकपाल के मुद्दे पर 12 दिनों से जारी अनशन कल सुबह 10 बजे तोड़ने के बाद अन्ना हजारे कुछ दिनों तक अस्पताल में रह सकते हैं.