गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिन का उपवास ख़त्म कर दिया है.
अहमदाबाद के गुजरात यूनिवर्सिटी के सभागार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने अपना उपवास तोड़ा.
इस मौक़े पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, वरिष्ठ भाजपा नेता वेंकैया नायडू, गोपीनाथ मुंडे भी मौजूद थे.
इससे पहले जिन दिग्गज नेताओं के गुजरात यूनिवर्सिटी कन्वेंशन सेंटर पहुंचकर मोदी का समर्थन किया उनमें नेता विपक्ष सुषमा स्वराज, पूर्व भाजपा अध्यक्ष वेंकैया नायडू, पार्टी सांसद एवं अभिनेत्री हेमा मालिनी, राष्ट्रीय प्रवक्ता निर्मला सीतारमन शामिल हैं.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिव सेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी उनसे मिलकर अपना समर्थन व्यक्त किया.
बाद में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सदभावना मिशन ने न सिर्फ़ गुजरात बल्कि पूरे देश को आंदोलित कर देगा, ये किसी ने न सोचा होगा.
अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि चारों ओर इस पर जिज्ञासा है, गुजरात में क्या हो रहा है.
उन्होंने अपने भाषण में अन्ना हज़ारे के सफल आंदोलन का ज़िक्र किया और कहा कि लोगों के मन में पीड़ा भरी हुई है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजनीति से ऊपर राष्ट्र नीति होती है. हर चीज़ को राजनीति से नहीं तौला जाना चाहिए. उपवास की प्रेरणा राजनीति नहीं बल्कि राष्ट्रनीति है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे छह करोड़ गुजरातियों के लिए काम करते हैं न कि हिंदू या मुसलमान के लिए.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे अब राज्य के हर ज़िलों में जाएँगे और सदभावना मिशन के लिए उपवास भी करेंगे.
अहमदाबाद के गुजरात यूनिवर्सिटी के सभागार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने अपना उपवास तोड़ा.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजनीति से ऊपर राष्ट्र नीति होती है. हर चीज़ को राजनीति से नहीं तौला जाना चाहिए. उपवास की प्रेरणा राजनीति नहीं बल्कि राष्ट्रनीति है.
उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबको जोड़कर चलने से जो विकास होता है, वो गुजरात ने दिखाया है.