राजीव गांधी की 66वीं जयंती पर जब गांधी परिवार दिल्ली के वीरभूमि पर श्रद्धांजलि के लिए इक्ट्ठा हुआ तो राजीव के साथ-साथ लोगों को इंदिरा की भी याद आने लगी. इसके पीछे वजह थी प्रियंका गांधी वाड्रा.
प्रियंका गांधी की बदली हुई नई हेयर स्टाइल हूबहु इंदिरा गांधी की तरह नजर आ रही थी.
बदलाव आया है प्रियंका के बालों में. बदल चुका है प्रियंका का हेयर स्टाइल, बदल चुका है प्रियंका के बालों का अंदाज.
वीरभूमि में अपने भाई राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी.
राजीव गांधी की 66वीं जयंती पर दिल्ली के वीरभूमि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते रॉबर्ट वाड्रा एवं प्रियंका गांधी वाड्रा.
सालों पहले जैसी दिखती थीं दादी इंदिरा गांधी, आज प्रियंका गांधी हूबहु वैसी ही दिख रही हैं.
प्रियंका के इस नए हेयर स्टाइल को देखकर लोगों को निश्चित रूप से इंदिरा गांधी की याद आ जाएगी.
प्रियंका ने अपने बालों की लंबाई पहले से थोड़ी और बढ़ायी है. प्रियंका गांधी के बालों की लंबाई पहले थोड़ी छोटी हुआ करती थी लेकिन अब उनकी हेयर स्टाइल बदल चुकी है.
वैसे भी प्रियंका का स्टाइल बदले और उनकी तुलना इंदिरा गांधी से न हो ये भला कैसे हो सकता है.
जब भी सार्वजनिक मौके पर प्रियंका गांधी नजर आती है तो लिबास के तौर पर दिखती है सलीके से पहनी हुई साड़ी. तो उधर इंदिरा गांधी की पसंदीदा पोशाक भी साड़ी ही थी.
इंदिरा को सत्ता और सियासत में लोगों ने हमेशा एक ही स्टाइल में देखा. छोटे तराशे हुए बाल, गले में रुद्राक्ष की माला, सफेद डायल वाली घड़ी और साड़ी. कम से कम हेयर स्टाइल और साड़ी के मामले में तो प्रियंका अपनी दादी के नक्शेकदम पर ही चलती नज़र आती हैं.
हालांकि प्रियंका कभी-कभार पश्चिमी परिधानों में भी नजर आती हैं तो उसका भी सीधा जवाब है कि आखिर इंदिरा और प्रियंका के बीच पूरी दो पीढ़ियों का फ़ासला भी तो है.
हालांकि पुरानी पीढ़ी के लोगों को प्रियंका गांधी में अपनी रोल मॉडल इंदिरा गांधी दिखती हैं, तो नई पीढ़ी को प्रियंका में नज़र आता है आत्मविश्वास से भरा इक्कीसवीं सदी का चेहरा.
हू-ब-हू इंदिरा जैसी हेयर स्टाइल के बाद तो लोग यकीनन राजीव गांधी के साथ-साथ इंदिरा को भी जरूर याद कर रहे होंगे.
पहले भी प्रियंका का चेहरा, प्रियंका का अंदाज और प्रियंका का पहनावा इंदिरा की याद दिला गया है.
खुद प्रियंका ने भी कहा है कि उनकी नाक तो बिलकुल दादी इंदिरा की तरह ही नजर आती है.
लोगों को प्रियंका के पहनावे में ही नहीं बल्कि उनके बोलने और उनकी भाषण देने की शैली में भी इंदिरा ही याद आती हैं. प्रियंका तो प्रियंका लोगों को सोनिया में भी इंदिरा का अक्स नजर आता है.