महाराष्ट्र के पिछले तीन दशकों के इतिहास में अशोकराव चव्हाण ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री बन गए जिन्हें घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों के साए में इस्तीफा देना पड़ा. पिछले महीने ज्योतिषी कारणों से अपने नाम अशोक में राव जोड़कर अशोकराव करने वाले 52 वर्षीय चव्हाण के लिए नाम बदलना भी भाग्यशाली नहीं रहा और विवादित आदर्श सोसायटी घोटाले में कथित संलिप्तता की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ गया.
जनवरी 1982 में सीमेंट घोटाले और एक वसूली मामले में दोषी पाए जाने के बाद एआर अंतुले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस घटना के चार साल बाद वर्ष 1986 में शिवाजीराव नीलांगेकर पाटिल को भी अंक प्रकरण की वजह से मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा.
भ्रष्टाचार के आरोपों पर गंभीर रूख अपनाते हुए कांग्रेस आला कमान ने न सिर्फ अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से हटाया बल्कि सुरेश कलमाड़ी को भी कांग्रेस संसदीय दल के सचिव के पद से हटाकर पार्टी की गिरती साख को थामने का प्रयास किया है. दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 के परियोजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कलमाड़ी विवादों में घिरे थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोनिया गांधी के द्वारा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद राज्यपाल के. शंकरनारायणन को अपना इस्तीफा सौंपा. शंकरनारायणन ने चव्हाण का इस्तीफा स्वीकार किया आगे की व्यवस्था होने तक उनसे पद पर बने रहने को कहा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ओबामा की रवानगी के चंद पलों बाद व संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ घंटे पहले यह निर्णय लेकर अपनी दूरदर्शिता एक बार फिर दिखा दी और विपक्ष को अपना सिर खुजलाने पर विवश कर दिया.
लगातार व्याप्त भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष और युवराज राहुल गांधी की चुप्पी लगातार लोगों को खल रही थी.
अशोक चव्हाण, सुरेश कलमाड़ी के बाद अब 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए कथित घोटाले में लिप्तता के आरोपी केंद्रीय संचार मंत्री ए राजा पर कांग्रेस आला कमान की गाज गिर सकती है.