फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने भारत के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के विकास में अपने देश की ओर से पूरे समर्थन की घोषणा की है.
अपनी चार दिवसीय यात्रा की शुरूआत में, सरकोजी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को शामिल करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की दावेदारी को भी यह कहते हुए पूरा समर्थन किया.
सरकोजी ने घोषणा की कि एक अरब से भी ज्यादा की आबादी वाले देश को इससे बाहर रखने के बारे में ‘सोचा भी नहीं’ जा सकता.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘फ्रांस भारत का मित्र देश है, जो स्वच्छ उर्जा और परमाणु क्षेत्र के विकास संबंधी भारत के प्रयासों में उसका साथ देगा.’
दूसरी बार भारत की यात्रा पर आए सरकोजी ने कहा, ‘परमाणु क्षेत्र से भारत को अलग-थलग किए जाने की प्रवृत्ति पर विराम लगाने की जरूरत है.
असैन्य परमाणु उर्जा पर पहुंच के आपके अधिकार को चुनौती देना, भारत के साथ अन्याय करना है.’
उन्होंने कहा कि भारत अब परमाणु अप्रसार पर नजर रखने वाले बहुपक्षीय समूहों का पूर्णकालिक सदस्य होने जा रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनएसजी की दावेदारी के भारत के आवेदन को फ्रांस पूरा सहयोग करेगा.
सरकोजी ने इस बात पर ‘खुशी’ जाहिर की कि फ्रांस की एक कंपनी अरेवा महाराष्ट्र के जैतपुर में एक परमाणु संयंत्र लगाने जा रही है, जो 10,000 मेगावाट ‘स्वच्छ उर्जा’ उत्पादित करेगी.