अभी कुछ 10 या 12 वर्ष पहले की बात करें तो धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला श्रीनगर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने लगी थी लेकिन एक बार फिर से इस स्वर्ग की आतंकियों की नजर लग गई है.
सन 2006 में एक बार फिर से आरक्षण की बात शुरु हुई. उच्च शिक्षण संस्थानो जैसे आई आई टी और आई आई एम में आरक्षण को 49% प्रतिशत से अधिक करने की चर्चा मात्र से छात्रों,शिक्षाविदों और टीवी चैनलों पर वाद विवाद शुरु हो गया.
2002 में गोधरा कांड और उसके बाद हुए दंगों को आज भी देश नहीं भूला पाया है. वहीं 1984 में हुए सिख दंगों की याद आज भी हमारे जेहन में मौजूद है.
दिसंबर 1984 में घटित भोपाल गैस त्रासदी भारत के इतिहास में वह काला अध्याय है जिसे शायद ही कभी भुलाया जा सकेगा. इस भयंकर काण्ड में हजारों लोगों की जान जाने के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड ने शुरू से ही अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया.
भारत के आज़ादी के बाद के इतिहास की चर्चा शायद ही कभी ऑपरेशन ब्लूस्टार का ज़िक्र किए बिना पूरा हो. ऑपरेशन ब्लूस्टार के पीछे जो बातें सबसे अहम रही हैं, उनमें पंजाब की स्वायत्तता का सवाल और सिखों के धार्मिक अधिकारों के कारण उनकी भावनाओं का उग्र होकर सामने आना मूल कारण रहा है.
सोनिया गांधी अक्टूबर 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक से और साथ ही अपने दिवंगत पति राजीव गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ीं और करीब तीन लाख वोटों की विशाल बढत से विजयी हुईं. 1999 में 13वीं लोकसभा में वे विपक्ष की नेता चुनी गयी.
अयोध्या में सदियों से चले आ रहे राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद के ऐतिहासिक विवाद की परिणति बाबरी मस्जिद विध्वंस के रूप में हुई. एक ऐतिहासिक फ़ैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या के विवादित स्थल को राम जन्मभूमि घोषित किया है और पूरी ज़मीन में से एक हिस्सा मंदिर को, एक सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को और एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा को दिया है.
ईवीएम यानि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का भारत में पहली बार इस्तेमाल वर्ष 1982 में केरल के पारुर विधानसभा सीट के लिए आयोजित चुनाव में मात्र 50 मतदान केंद्रों पर किया गया था. केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा ईवीएम का उत्पादन किया जाता है.
भारत में 1996 में हुए संसदीय चुनाव से पहले कुछ लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि ज्योति बसु एक दिन भारत के प्रधानमंत्री ज़रूर बनेंगे. मगर वर्तमान समय की बात करें तो कोलकाता में लेफ्ट पार्टियां बिखर चुकी हैं. आज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने लगभग 37 वर्षों से चले आ रहे वामपंथी सरकार को वहां से उखाड़ फेंकने की जैसे कसम खा ली है.
जॉर्ज फर्नांडीस एक भारतीय मजदूर नेता हैं. फर्नांडीस संचार मंत्री, रेल और रक्षा मंत्री का महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं. आपातकाल के दौरान फर्नांडीस जेल भी जा चुके हैं लेकिन उनके साथ एक महत्वपूर्ण विवाद भी जुड़ा हुआ है. राजग सरकार के दौरान जब वह रक्षा मंत्री थे तो बराक मिसाइल घोटाले और तहलका कांड में उनका नाम सामने आया था.
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधान मंत्री हैं. वह भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक है और 1968 से 1973 तक वह उसके अध्यक्ष भी रहे थे. वह जीवनभर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे.
लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेता हैं. भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है. वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. जनवरी 2008 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबन्धन ने आगामी लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लडने तथा जीत होने पर उन्हे प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी.
इंदिरा गांधी, यह एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इंदिरा गांधी द्वारा रजवाड़ों का प्रिवी पर्स समाप्त करना और बैंकों का राष्ट्रीयकरण पहली बार भारतीय राजसत्ता की स्पष्ट निम्नवर्गीय पक्षधरता का प्रमाण बना. वहीं राहुल गांधी से, जो सदैव आम जनता से जुड़ने की कोशिश में लगें रहते हैं, आज का युवा वर्ग उनसे खासा प्रभावित है.