अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अपनी राजनीतिक पार्टी 'आम आदमी पार्टी' को औपचारिक तौर पर लॉन्च कर दिया.
पार्टी लॉन्च होने के बाद शांति भूषण ने पार्टी को एक करोड़ का चंदा भी दिया. यही नहीं, शुरुआती 6 घंटे में ही वालंटियरों ने भी 2 लाख से अधिक का चंदा दिया.
शाम 6 बजे तक जंतर-मंतर पर 10234000 रुपये का फंड आ चुका था. जंतर-मंतर पर जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए केजरीवाल के सहयोगी मनीष सिसौदिया ने पार्टी का नाम आम आदमी पार्टी बताया.
सिसौदिया ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 23 सदस्यों के नामों की घोषणा भी की. इसमें मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास, प्रशांत भूषण, दिनेश वाघेला, संजय सिंह, गोपाल राय आदि शामिल हैं.
दिनेशा वाघेला ने बताया, 'केजरीवाल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होंगे, पंकज गुप्ता राष्ट्रीय सचिव और कृष्ण कांत पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष होंगे.'
पार्टी लॉन्च करने से पहले अरविंद केजरीवाल और उनके समर्थकों ने राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर प्रार्थना भी की. उन्होंने बी आर अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि दी.
केजरीवाल ने 26 नवंबर को पार्टी की लॉन्चिंग का दिन इसलिए चुना, क्योंकि इसी दिन 1949 में भारत के संविधान को अपनाया गया था.
केजरीवाल की पार्टी लॉन्च होने के साथ ही कई सवाल भी उठ खड़े हुए हैं. क्या कांग्रेस और बीजेपी जैसी बड़ी पार्टियों से इतर केजरीवाल और उनमें यकीन करने वाले लोग देश में कोई स्थायी तीसरा विकल्प दे पाएंगे?
क्या उनकी पार्टी राजनीति के मौजूदा मुहावरों को बदल पाएगी? क्या वे जनता के बीच से, जनता के लिए और जनता के द्वारा की जाने वाली राजनीति का सपना पूरा कर सकेंगे?