यूपीए सरकार के खिलाफ टीम अन्ना के अनशन स्थल जंतर मंतर पर योगगुरू बाबा रामदेव के आने के साथ ही समर्थकों की भीड़ में इजाफा हुआ.
रामदेव ने हजारे के आंदोलन में साथ रहने की बात तो कही लेकिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर टीम अन्ना के आलोचनात्मक रुख से असहमति जता दी.
रामदेव ने कहा कि वह किसी पर व्यक्तिगत हमले के खिलाफ हैं.
अनशन कर रहे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय सहित अन्ना हजारे के मंच पर रामदेव अपने समर्थकों के साथ शंखनाद करते हुए पहुंचे.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन जारी रखेंगे.
उनके आने के साथ ही बारिश की इनायत भी हुई. हल्की फुहारों में भीड़ रामदेव को सुनने के लिए डटी रही.
योगगुरू बाबा रामदेव के समर्थक राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के झंडे लेकर डटे थे.
अनशनस्थल पर समर्थकों की कम संख्या से चिंतित नजर आ रही टीम अन्ना के लिए यह नजारा राहत वाला था.
इससे पहले शुक्रवार सुबह जब हजारे मंच पर आए तो वहां बमुश्किल 300 से 400 लोग ही थे. बहरहाल, बाबा रामदेव के आने की खबर के बाद भीड़ बढ़ने लगी. जत्थों में लोग अनशन स्थल पर पहुंचे. यह सिलसिला शाम तक जारी रहा.
अनशन स्थल सूना नजर आ रहा था और लोग केवल मंच के आसपास ही थे.
अन्ना की टीम का अनशन अपने तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है और सरकार की ओर से उनके मंत्रियों ने टीम अन्ना पर आरोपों की बौछार कर दी है. कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने अन्ना हजारे को कठघरे में खड़ा करते हुए उनपर गंभीर आरोप लगाए.
कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने कहा कि अन्ना हजारे का बहुत पहले से राजनीतिक एजेंडा है जिसपर वो लंबे समय से काम कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा करना कोई गलत नहीं है और ऐसा वो चुनाव आयोग के नियमों के अंतर्गत कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने शुक्रवार को टीम अन्ना को आड़े हाथों लेते हुए जंतर मंतर पर जारी अनशन को जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश बताया. नारायणसामी ने कहा कि राजनीतिक दल शुरू करने की उनकी घोषणा के बाद उनके इरादे बेनकाब हो गए हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा, ‘जो लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं, वे महाराष्ट्र सदन जाकर आराम करते हैं. वे देश की जनता को मूर्ख बना रहे हैं.’ नारायणसामी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अन्ना हजारे ने शुक्रवार को एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा था, ‘यदि जनता कहती है कि अन्ना को राजनीति में प्रवेश करना चाहिए, तो मैं इसके बारे में सोच सकता हूं.’
टीम अन्ना ने जंतर मंतर पर जारी अनशन के दौरान कृषि मंत्री शरद पवार, विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा, शहरी विकास मंत्री कमल नाथ, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलास राव देशमुख और कानून मंत्री पर हमला बोला.
प्रख्यात अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पवार पर अपराधियों से सम्बंध रखने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘उन्होंने पप्पू कलानी को टिकट दिलाने का प्रयास किया था.’ महाराष्ट्र से पूर्व विधायक कलानी के उपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. भूषण ने कहा, ‘पवार ने ऊंची कीमतों पर दालों का आयात किया और उन्हें अत्यधिक ऊंची कीमतों पर बेचा.’
प्रशांत भूषण ने पवार की पुत्री एवं सांसद सुप्रिया सुले का सम्बंध महाराष्ट्र की विवादास्पद लवासा परियोजना से होने का आरोप लगाया. इसके बाद भूषण ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा पर राज्य में कोयला माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया.
अन्ना ने गुरुवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या टीम अन्ना ने अपना ध्यान भ्रष्टाचार से हटाकर व्यक्ति विशेष पर केंद्रित कर लिया है, कहा, ‘15 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच मांग का एक हिस्सा है और हमारा मुख्य जोर जनलोकपाल पर है और इसके लिए संघर्ष करते रहेंगे. जनलोकपाल हमारा उद्देश्य है.’
इंडिया अंगेस्ट करप्शन ने बताया कि अनशनरत हरिलाल (60 वर्ष) के सीने में दर्द की शिकायत करने पर उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्यों के रक्त में शर्करा के स्तर के स्तर में गिरावट दर्ज की गई.
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय के स्वास्थ्य में भी गिरावट दर्ज की गई. अरविद केजरीवाल के रक्त शर्करा का स्तर 96, मनीष का 54 और गोपाल राय का स्तर 75 तक पहुंच गया. रक्त में शर्करा का सामान्य स्तर 70-140 के बीच होता है.
तबियत में हो रही लगातार गिरावट के बावजूद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो लगातार 10 दिनों तक अनशन कर सकते हैं.
अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्य केजरीवाल के रक्त में शर्करा के स्तर के स्तर में गिरावट दर्ज की गई.
इस बार देश की राजधानी में भी अन्ना के आंदोलन में कम भीड़ का इक्ट्ठा होना एक गंभीर मुद्दा बन रहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और किरण बेदी अनशन स्थल पर सुबह 11 बजे पहुंचे. ऐसे में टीम अन्ना के साथ इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाने के लिए इकट्ठे हुए लोगों को निराशा हुई.