अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है जिसने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इसकी वजह है पोलर वोरटैक्स जिसे पोलर पिग भी कहा जा रहा है. यूएस में स्थिति इतनी खराब है कि अगर कोई एहतियात न बरते तो खून भी जम जाए.
अमेरिका पर टूटे इस ठंड के कहर की वजह है आर्कटिक की बर्फीली हवाएं. इन हवाओं का असर ऐसा है कि शिकागो का तापमान आर्कटिक के कई हिस्सों से भी कम दर्ज किया गया है.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 20 साल पहले 1994 में भी अमेरिका ने ऐसी ही ठंड और बर्फीली हवाओं का सामना किया था.
आखिर क्या है पोलर वोरटैक्स? कम दबाव के क्षेत्र में तेज रफ्तार वाली हवाओं के एक चक्र में बहने के पैटर्न को पोलर वोरटैक्स कहा जाता है. ठंड के मौसम में यह पैटर्न आर्कटिक क्षेत्र के ऊपर बना रहता है. इस वोरटैक्स के कारण ही ठंडी हवाएं पोलर रीजन तक सीमित रहती हैं.
पर समस्या तब आती है जब यह वोरटैक्स टूटकर दो हिस्सों में बंट जाए. इस वजह से ठंडी हवाएं आर्कटिक से दक्षिण की ओर बहने लगती हैं. जो अभी अमेरिका में हो रहा है.
पोलर वोरटैक्स के कारण अमेरिका के मोंटाना से मिशिगन क्षेत्र में तापमान में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है. इसका सबसे ज्यादा असर देश के पूर्वी क्षेत्र में देखा जा रहा है.
अनुमान लगाया जा रहा है कि जब पोलर वोरटैक्स पूरे अमेरिका को अपने चपेट में ले लेगा तो इससे करीबन 187 मिलियन लोग प्रभावित होंगे.
संभावना जताई जा रही है कि पोलर वोरटैक्स की वजह से तापमान इतना गिर सकता है कि 21वीं शताब्दी का रिकॉर्ड टूट जाए.
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि आर्कटिक में सामान्य से ज्यादा गर्म स्थिति के कारण पोलर वोरटैक्स कमजोर पड़ सकता है. इस वजह से कम ऊंचाई वाले जगहों पर सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ सकती है.
पोलर वोरटैक्स ठंड के मौसम में ज्यादा मजबूत होता है और गर्मी में कमजोर पड़ जाता है व यह 1200 मील की दूरी तय कर सकता है. वोरटैक्स में हवाएं एंटी-क्लॉक तरीके से बहती हैं.
सोमवार को मोंटाना के कोमरटाउन में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. यहां पर पारा शून्य से 53 डिग्री नीचे था.
फ्लाइट अवेयर के मुताबिक सोमवार को अमेरिका में 4300 उड़ानें रद्द हुईं जिसमें आधे से ज्यादा सिर्फ शिकागो के थे.