लोकसभा चुनाव की आहट से देश की राजधानी दिल्ली में 'पोस्टर वॉर' तेज हो गया है. तमाम सियासी पार्टियां एक तरफ वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही हैं तो दूसरी ओर विरोधियों पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं चूक रही हैं. इन तीनों दलों के होर्डिंग्स राजधानी में तमाम जगहों पर देखे जा सकते हैं.
बीजेपी के इस पोस्टर के जरिये आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा गया है जिसने दिल्ली में सरकार बनाने के बाद दो महीने के भीतर सत्ता छोड़ने का फैसला किया. इस पोस्टर के जरिये आरोप लगाया गया है कि 'आप' ने मैदान छोड़ दिया और लोगों को गुमराह किया.
कांग्रेस के इस पोस्टर में नारा लिखा गया है, 'अराजकता नहीं, प्रशासन सुधार'. कांग्रेस के इस पोस्टर के जरिये भी 'आप' पर निशाना साधा गया है. सीएम रहते हुए केजरीवाल के धरने-प्रदर्शन को कांग्रेस अराजकता मानती है.
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दावा करती है कि दिल्ली में उसकी सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार में कमी आई है. पार्टी अपने पोस्टर के जरिये यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि आम चुनाव में भी वह भ्रष्टाचार के मसले पर चुनावी जंग में कूदेगी.
इस पोस्टर के जरिये आम आदमी पार्टी दिल्ली में दो महीने से कम अवधि तक रही अपनी सरकार की उपलब्धियों को भुनाने की कोशिश में है. 'आप' की सरकार ने फैसला किया था कि वह मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई नहीं आने देगी.
कांग्रेस ने एक नारा दिया है, 'तोड़ें नहीं, जोड़ें'. इस पोस्टर के जरिये कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
कांग्रेस ने इस पोस्टर के जरिये मोदी के 'तानाशाही' रवैये पर निशाना साधा है. हालांकि, बीजेपी का कहना है कि मोदी ने पहले ही यह नारा 'मैं नहीं, हम' दिया था और कांग्रेस ने इसकी कॉपी की है.