समलैंगिकों और किन्नरों के समर्थन में रंगीन परिधानों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और इस समुदाय के खिलाफ भेदभाव को समाप्त करने की मांग की.
बाराखंबा रोड से जंतर मंतर तक निकाले गये कैंडल लाइट मार्च में समलैंगिक और उनके समर्थक रंग बिरंगे मुखौटे लगाकर और झंडे लेकर चल रहे थे.
दिल्ली समलैंगिक प्राइड 2011 के चौथे संस्करण के तौर पर परेड निकाली गयी.
समर्थकों ने ड्रमों और ढोलकों की थापों पर डांस भी किया.
दिल्ली क्वीर प्राइड कमेटी के सदस्य राहुल शर्मा ने कहा, ‘यह विरोध मार्च नहीं बल्कि जश्न का मार्च है.
इस परेड में हिस्सा ले रहे समलैंगिकों नाचते गाते हुए जा रहे थे.
यह रंग-बिरंगे झंडों के साथ मास्क, ढोल नगाडे और सीटियां बजाते हुए चल रहे थे.
क्वीर दिल्ली के आयोजकों में से एक मोहनीश मल्होत्रा ने कहा कि इस बार हमने किसी से स्पॉन्सर करने को नहीं कहा.
मल्होत्रा ने बताया कि इस बार हमलोगों ने खुद पैसे जमा किए और इस परेड का आयोजन किया.
दिल्ली के बाराखंभा से निकला यह परेड जंतर मंतर जाकर खत्म हुआ.
अपनी हक की मांग कर रहे लोग नारा लगा रहे थे कि जो हमने सालों तक सहा है अब हम नहीं सहेंगे.
इस जूलूस में शामिल एक लड़की ने बताया कि सरकार से हम मांग करते हैं कि हमारे अधिकारों का भी समुचित ध्यान रखा जाए.
उन्होंने बताया कि सालों से हम अलग रहे हैं, अब हमारी भी पहचान होनी चाहिए.
जूलूस में से लोगों का कहना था कि केंद्र सरकार को तमिलानाडु की सरकार की ओर देखना चाहिए, जिसने समलैंगिकों के लिए एक बोर्ड का गठन किया है. जो हमारे हितों की रक्षा करेगा.
समारोह के अंत में सभी एक दूसरे को बधाई देते हुए यह कह रह थे, बिंग रिबॉर्न.