दक्षिण अफ्रीका के गांधीवादी नेता नेल्सन मंडेला का आज 96वां जन्मदिन है.
उनके जन्मदिन पर दुनियाभर के नेता और आम लोग उस पुण्य आत्मा को याद कर रहे हैं.
मंडेला को प्यार से मदिबा पुकारा जाता था.
नेल्सन मंडेला का पिछले साल लंबी बीमारी के बाद 5 दिसंबर को 95 साल की उम्र में निधन हो गया था.
इस महान गांधीवादी नेता को 1990 में भारत रत्न और 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था.
नेल्सन मंडेला को आधुनिक दक्षिण अफ्रीका का पितामह भी कहा जाता है.
मंडेला ने रंगभेद की नीति के खिलाफ डटकर जंग लड़ी और वे देश के पहले ब्लैक राष्ट्रपति बने.
मंडेला ने अपने ही देश की सरकार के खिलाफ हथियार उठाने के जुर्म में 27 साल जेल में भी गुजारे.
मंडेला की ख्याति सिर्फ दक्षिण अफ्रीका में ही नहीं बल्कि वे दुनियाभर में हीरो बनकर उभरे. 1993 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया.
वर्ष 2004 में सार्वजनिक जीवन से अवकाश लेने के बाद मंडेला कभी-कभार ही सार्वजनिक अवसरों पर नजर आए.
मंडेला अबा थेम्बू कबीले से ताल्लुक रखते हैं.
गौरतलब है कि दक्षिणी अफ्रीकी लोकतंत्र के पिता कहे जाने वाले मंडेला जेल से रिहा होने के चार साल बाद वर्ष 1994 में देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे.
नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को हुआ था.
मंडेला को फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मंडेला 1994 से 1999 के बीच दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति रह चुके हैं. उन्हें 1993 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था.
रंगभेद और नस्लवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नेल्सन मंडेला अपने पूरे जीवनकाल में महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते पर चले.
नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का महात्मा गांधी भी कहा जाता है.
नेल्सन मंडेला ने महात्मा गांधी की ही तरह अहिंसा और सत्याग्रह को अपना हथियार बनाया.
नेल्सन मंडेला ने साल 2000 में टाइम पत्रिका को दिए इंटरव्यू में खुद स्वीकार किया था दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता आंदोलन को मूर्त रूप देने में उन्होंने महात्मा गांधी से ही प्रेरणा पाई थी.
साल 1999 में नेल्सन मंडेला को अहिंसा के आंदोलन के लिए गांधी-किंग एडवर्ड पुरस्कार से नवाजा गया.
दक्षिण अफ्रीका से रंगभेद को दूर करने के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मंडेला के जीवन के तीन से भी ज्यादा दशक जेल में बीते.
राष्ट्रपति बनने के बाद मंडेला ने कई बार इस बात का खुलासा किया कि जेल में रहने के दौरान वह अक्सर महात्मा गांधी से जुडी किताबें और बातों का अध्ययन करते थे.
नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक तरीके से हुए पहले चुनाव के बाद देश के राष्ट्रपति बने.
नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीकी लोकतंत्र का जनक कहा जाता है.
विश्व समुदाय मंडेला के बेहतर स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना कर रहा है.