कश्मीर घाटी के दौरे पर आये कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कश्मीर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ भावपूर्ण तरीके से बातचीत कर कहा कि वह कश्मीरियों के ‘दर्द’ को समझते हैं क्योंकि वह खुद भी कश्मीरी हैं.
विश्वविद्यालय के सभागार में करीब एक हजार विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए 41 वर्षीय राहुल ने कहा कि वह हिंसा की समस्या को भी समझते हैं क्योंकि उनका परिवार भी हिंसा का शिकार रहा है.
राहुल ने कहा, ‘जैसा कि आप में से अधिकतर लोग जानते होंगे, मैं भी एक कश्मीरी हूं. लिहाजा, यहां का दर्द, मेरा भी दर्द है.’ उनकी इस बात पर विद्यार्थियों ने तालियां बजायीं.
कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति तलत अहमद के स्वागत भाषण के बाद कांग्रेस के युवा नेता ने खुद का परिचय दिया और कहा कि उनका नजरिया युवाओं से संवाद साधने का है.
उन्होंने कहा, ‘जब मैं 14 वर्ष का था तो मैं बेखबर सा कक्षा में बैठा था. तभी एक महिला आयी और कहा कि मेरे लिये फोन आया है.
विद्यार्थियों ने घाटी में हिंसा के स्तर के बारे में कई सवाल खड़े किये, जिन्हें राहुल ने धर्य से सुना. विद्यार्थियों ने रोजगार के कम अवसर होने और राज्य में वस्तुत: कोई भी बहुराष्ट्रीय कंपनी नहीं होने की बात उठायी.