सचिन तेंदुलकर जब शारदाआश्रम विद्यामंदिर में पढ़ते थे, तब वे शिवाजी पार्क के करीब ही रहने वाले अपने एक अंकल-आंटी के घर चले गए थे, ताकि कोच रमाकांत आचरेकर की देखरेख में ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस कर सकें. उस समय भी उनकी मां रजनी तेंदुलकर रोज शाम को उनसे मिलने जाया करती थीं, इसलिए उनकी मां का वानखेड़े स्टेडियम में उनका आखिरी टेस्ट मैच देखने के लिए आना कोई बड़ा सरप्राइज नहीं है. यह किसी और का नहीं बल्कि उनकी मां का कहना है.
वानखेड़े स्टेडियम में सचिन अपना अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे हैं और हर तरफ माहौल सचिनमय हो गया है.
सचिन के सम्मोहन से कोई नहीं बच पाया, भले ही वह विपक्षी टीम वेस्टइंडीज ही क्यों न हो.
सचिन तेंदुलकर का अंतिम टेस्ट मैच देखने के लिए सभी में उत्साह है और यही उत्साह उनकी पत्नी अंजलि और कोच रमाकांत आचरेकर में भी दिखा.
स्टेडियम में बैठकर सचिन का 200वां टेस्ट मैच देखती उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर.
सचिन तेंदुलकर की मां रजनी तेंदुलकर पहली बार सचिन को खेलते हुए देखने के लिए स्टेडियम पहुंची.
अपने अंतिम टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर का बल्ला राष्ट्रध्वज के तीन रंगों से नहाया हुआ है.
पढ़ें पूरी खबर... मैदान में उतरते ही सचिन अपने अंदाज में गेंद को बाउंड्री पार भेजने में व्यस्त हो गए. हालांकि सचिन ने इस मैच में 74 रन बनाए और शतक बनाने से महरुम रह गए. फिर भी सचिन ने अपने प्रशंसकों को मायूस नहीं किया और क्रिकेट की किताब के लगभग सभी शॉट लगाए.
सचिन तेंदुलकर जब मैदान में आए तो उन्होंने बल्ला उठाकर अपने प्रशंसकों का अभिवादन किया.
सचिन अपने आखिरी टेस्ट मैच में बल्लेबाजी के लिए उतरे तो वेस्टइंडीज की टीम ने कुछ इस तरह से उनका स्वागत किया.
सचिन मैदान में आए तो ताली बजाकर उनका अभिवादन करते वेस्टइंडीज के खिलाड़ी.
क्रिस गेल हों या चंद्रपाल या कप्तान डैरेन सैमी, हर कोई सचिन को सलाम कर रहा था.
भारत ने अपने दो विकेट जल्दी गंवा दिए, जिसके बाद सचिन मैदान में उतरे. विकेट मिलने के बाद खुशी में झूमते वेस्टइंडीज के खिलाड़ी.
मुरली विजय और शिखर धवन 77 रन के कुल योग पर पवेलियन लौट गए थे.
सचिन तेंदुलकर के अंतिम टेस्ट में ओपनिंग बल्लेबाज मुरली विजय सिर्फ 43 रन ही बना सके.
वानखेड़े स्टेडियम में पहले दिन टॉस हारकर बल्लेबाजी के लिए उतरे वेस्टइंडीज के बल्लेबाज पिच पर टिक ही नहीं पाए.
भारत ने वेस्टइंडीज को पहले ही दिन 182 रन पर ऑलआउट कर दिया.
पहली पारी में प्रज्ञान ओझा ने 5 विकेट लेकर वेस्टइंडीज के बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ दी.