बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने उच्चतम न्यायालय की ओर से तय समय सीमा का पालन करते हुए टाडा अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया.
संजय दत्त 1993 के मुम्बई बम विस्फोटों के मामले में शस्त्र अधिनियम के तहत 42 महीने की अपनी शेष सजा काटेंगे.
अदालत ने जेल में रहने के दौरान अभिनेता को दवा, घर का बना खाना, पंखा, गद्दा और तकिया रखने की अनुमति दे दी.
53 वर्षीय अभिनेता को अपने साथ श्रीमद्भगवद् गीता, रामायण एवं हनुमान चालीसा के की प्रतियों के अलावा दंतमंजन, शैम्पू, चप्पल, कुर्ता, पायजामा और मच्छर भगाने के रसायन ले जाने की अनुमति दी गई.
बहरहाल टाडा के न्यायाधीश जी. ए. सनप ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट रखने के दत्त के आग्रह को ठुकरा दिया. वह चेन स्मोकर हैं.
न्यायाधीश ने उन्हें धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी.
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि अभिनेता को जेल में कठोर कार्य नहीं दिए जाएं. वकील ने कहा कि अभिनेता उच्चतम न्यायालय में उपचारात्मक याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं.
दत्त के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि परिवार के सदस्यों को नियमित रूप से उनसे मिलने दिया जाए.
अभिनेता न्यायाधीश के सामने झुके और इसके बाद उनसे नाम पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘संजय सुनील दत्त.’
दत्त ने अदालत को पहले बताया था कि कट्टरपंथी ताकतों से उनकी जिंदगी को खतरा है वहीं आर्थर रोड जेल को एक अनाम खत मिला था जिसमें कहा गया था कि अगर उन्हें वहां रखा जाता है तो उनको नुकसान हो सकता है.
बांद्रा के पाली हिल स्थित दत्त के आवास के बाहर पुलिस ने कड़ी चौकसी रखी जहां सुबह से ही बड़ी संख्या में प्रशंसक इकट्ठा हो गए थे. उनकी जिंदगी पर खतरे के मद्देनजर अदालत परिसर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे.
संजय दत्त को जल्द ही पुणे के यरवदा जेल में स्थानांतरित किया जाएगा.
दत्त को औपचारिकताएं पूरी करने के लिए आर्थर रोड जेल भेजा गया जहां कई घंटे लग गए.
दत्त का वाहन जैसे ही अदालत के नजदीक पहुंचा, प्रेस फोटोग्राफरों सहित लोगों ने उसे घेर लिया.
सफेद कुर्ता और जीन्स पहने दत्त ने बांद्रा के पाली हिल स्थित इंपीरियल हाइट्स इमारत के बाहर अपनी कार में बैठने से पहले हाथ हिलाकर भीड़ का अभिवादन किया.
दत्त के अदालत पहुंचते ही उनके समर्पण की औपचारिकताएं शुरू हो गईं. अदालत ने दत्त की पहचान के लिए प्रक्रिया शुरू की. उनकी दोषसिद्धि को हाल में उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा था.
अपनी पत्नी मान्यता, बहन और कांग्रेस सांसद प्रिया एवं बहनोई ओवेन रॉनकोन और फिल्म निर्माता महेश भट्ट के साथ संजय दत्त अदालत पहुंचे. उन्होंने अपने माथे पर लाल रंग का तिलक लगा रखा था.