दरअसल, पश्चिम बंगाल के निजी बस ऑपरेटरों के संघ ने ट्रांसजेंडरों के लिए सीटें रिजर्व करने का फैसला किया है. इस संघ ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हर बस में ट्रांसजेंडरों के लिए दो सीटें रिजर्व होंगी.
ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन बनर्जी ने बताया कि संघ से जुड़ी हर बस में दो सीटें रिर्जव होंगी जो ‘त्रिधारा’ से नामांकित होंगी.
बनर्जी ने बताया इस संघ कि राज्य में 35 हजार से 40 हजार बसें हैं. बनर्जी ने कहा कि ये पहल महज दो सीटें चिन्हित करने की नहीं बल्कि ट्रांसजेंडर की पहचान और अन्य यात्रियों के बीच उन्हें समानता का एहसास कराने की कोशिश है.
इस प्रक्रिया को शहर के कुछ रूट पर शुरू किया जा चुका है और अन्य सभी बसों में भी लागू कर दिया जाएगा. बनर्जी का कहना है कि संघ की ये कोशिश बसों के कर्मचारियों के साथ - साथ यात्रियों को भी ट्रांसजेंडरों के प्रति सम्मान का एहसास दिलाएगी.