महाराष्ट्र के नासिक में भारतीय सेना ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया जिसका नाम था तोपची. इस अभ्यास में सेना ने अपने कई अत्याधुनिक हथियार और उनकी मारक क्षमता को प्रदर्शन किया.
सेना दिखा रही है कि अत्याधुनिक हथियारों की मदद से दुश्मन के इरादों को कैसे रौंदा जा सकता है.
इस एक्सरसाइज में सेना ने अपने सबसे शक्तिशाली हथियारों की प्रदर्शनी की. जिसमें विदेशी मुल्कों अमेरिका, जापान, मिस्र, अफगानिस्तान, सिंगापुर और मलेशिया के कुछ सेना अधिकारी भी शरीक हुए.
सेना के इस शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा बने:
120 एमएम मोर्टार
105 एमएम इंडियन फील्ड गन
105 एमएम लाइट गन
122 एमएम मल्टी बैरल रॉकेट लांचर
155 एमएम की बोफोर्स गन
इन हथियारों की खासियत है कई किलोमाटर दूर तक इनका निशाना अचूक होता है. एक्सरसाइज के दौरान इनसे दूर पहाड़ों पर बने सफ़ेद निशानों को टार्गेट किया, और एक भी निशाना नहीं चूका.
इस शक्ति प्रदर्शन एक बार फिर साबित कर दिया कि हमारी सेना भारतीय सीमा की हिफाज़त करने के लिए पूरी तरह सक्षम है.
दुश्मनों पर जीत पाने के लिए सिर्फ हथियार ही काफी नहीं. युद्ध में असली जौहर तो जवान दिखाते हैं. इस अभ्यास में भारतीय जवानों की तैयारी भी देखने वाली थी.
युद्ध सिर्फ हथियारों का खेल नहीं, युद्ध है हथियारों की क्षमता और इंसानी दिमाग का अचूक संतुलन.
लम्बी दूरी की क्षमता रखने वाली बंदूकों से दुश्मन को तहस नहस करने के बाद अब भारतीय सेना के जवानों अपना जौहर दिखाने के लिए तैयार हैं.
सेना के जवानों को दुश्मन को हराने के उनके मिशन पर भेजने के लिए सेना के चीता और चेतक हेलिकोप्टरों का इस्तेमाल किया जाता है.
सेना के हेलिकॉप्टर दुश्मन के रडार में ना आ जाएं इसलिए इन्हें ज़मीन की सतह से कुछ ही मीटर की ऊंचाई पर उड़ाया जाता है ताकि ये पेड़ों और छोटे पहाड़ों में छिप कर दुश्मन के रडार से बच जाएं.
सेना के पैरा ट्रूपर्स भी पैराशूट के जरिए हजारों फीट की ऊंचाई से दुश्मन के इलाकों में उतारे जाते हैं.
सेना जवानों को कुछ अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से दुश्मन के बारे में जानकारी देती है.
सेना के पास ऐसे यूएवी हैं जो दुश्मन के ठिकाने, उसकी गतिविधियां और हथियारों की तादाद जैसी सारी जानकारी अपने में लगे कैमरे में रिकॉर्ड कर लेती है और बेस स्टेशन वापस लौटकर ये सारी जानकारी सेना को देती है.
सेना के पास ऐसे रडार भी हैं जो ये पता लगा सकते हैं कि दुश्मन के बंकर कहां-कहां बने हैं. इसकी मदद से मिशन पर गए जवानों तक इसकी पहुंचाई जाती है.
आपरेशन तोपची में भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन तो किया ही साथ ही दुश्मनों को भी एक करारी चेतावनी दे दी है.