उत्तर प्रदेश की की मुख्यमंत्री मायावती नोएडा में 700 करोड की लागत से 33 एकड में बने अपने आलीशान ड्रीम पार्क का उदघाटन कर दिया है.
इस पार्क में बीआर अंबेडकर, कांशी राम और मायावती के कांस्य की प्रतिमाएं हैं.
इस पार्क में कई अन्य गुरूओं और संतों की भी प्रतिमाएं हैं, जिन्होंने सामाजिक बदलाव के लिए काम किया है.
यह पार्क मुख्यमंत्री का सबसे ब़डा ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसे लेकर कई विवाद हुए. मामला कोर्ट तक भी पहुंचा, लेकिन मायावती को बाद में राहत मिल ही गई.
अंबेडकर पार्क को लेकर पर्यावरण मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी. मंत्रायल ने यूपी सरकार पर नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगाया था.
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशी राम जैसे दलित नेताओं को नजरंदाज करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने 36 एकड़ में स्थापित इस स्मारक में अंबेडकर और कांशी राम के अलावा उनकी अपनी और बसपा के प्रतीक चिन्ह हाथी की 20 मूर्तियां स्थापित की गई है. प्रत्येक की लागत 20 करोड़ रुपये है.
राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल और ग्रीन गार्डन प्रोजेक्ट को उचित ठहराते हुए मायावती ने कहा, ‘हमने हमेशा से दलित समुदाय के प्रेरणा स्रोत रहे लोगों को समर्पित स्मारक बनाये जाने की जरूरत महसूस की और यह दलितों के फायदे के लिए राष्ट्रीय राजधानी के करीब पश्चिमी उत्तरप्रदेश में बनाया गया है.’ उन्होंने कहा कि अंबेडकर और कांशी राम के कार्यो की अनदेखी करने के केंद्रीय सरकार के व्यवहार से दलित समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
नोएडा में 685 करोड़ रूपये के विवादास्पद दलित स्मारक पर आलोचना का सामना कर रही उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस को इसकी आलोचना करने का कोई हक नहीं है क्योंकि दिल्ली के यमुना बैंक के इर्द गिर्द नेहरू गांधी परिवार के काफी संख्या में स्मारक हैं.
पार्क के निर्माण कार्य की राजनीतिक दलों और पर्यावरणविदों ने काफी आलोचना की थी और इन्होंने ओखला पक्षी उद्यान के हरित क्षेत्र का नुकसान का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय से सम्पर्क किया था. अदालत ने प्रारंभ में निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया था लेकिन बाद में इसे उठा लिया गया.
इस ड्रीम प्रोजेक्ट को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जो़ड कर देखा जा रहा है.
इस पार्क में ज्यादातर मूर्तियां कांसे की बनी हैं. मेन गुंबद में भी 3 मूर्तियां 20 फीट की लगाई गई हैं. गुंबद के दोनों तरफ हाथियों की ऊंची-ऊंची 20 मूर्तियां लगाईं गईं हैं. 52 फीट ऊंचे दो फव्वारे भी लगाए गए हैं. जो कांसे से बने हैं.
पार्क में 40 मीटर ऊंचा एक बड़ा गुंबद है. जिसमें 3 छोटे गुंबद हैं. पहले गुंबद में भीमराव अंबेडकर की पूरी जीवनी दीवारों पर शब्दों और चित्रों के जरिए उकेरी गई है. तो दूसरे में मायावती की जीवन और सियासी यात्रा की कहानी है. जबकि तीसरे गुंबद में कांशीराम का जीवन परिचय है.
पार्क में दलित समाज के नेताओं और संतों की कुल 15 मूर्तियां लगी हैं.
दलित प्रेरणा स्थल नामक इस पार्क को चारों तरफ से गुलाबी पत्थरों से सजाया गया है.
‘दलित प्रेरणा स्थल’ नामक यह पार्क साढ़े 82 एकड़ में बना है. नोएडा में जमीन की कीमत के मुताबिक इस जमीन की कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है.