आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का पुट्टापर्थी सत्य साईं बाबा की पहली पुण्यतिथि मना रहा है.
इस अवसर पर सत्य साईं केंद्रीय ट्रस्ट की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
इसमें तकरीबन 50 हजार लोग शामिल हो रहे हैं.
24 अप्रैल, 2011 को 85 वर्ष की अवस्था में साईं बाबा को समाधि दी गई थी.
इसके बाद से पुट्टापर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम में पहला बड़ा आयोजन हो रहा है.
सत्य साई ट्रस्ट की मुंबई, चेन्नई, हैदरबाद, बंगलुरू और आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर संपत्ति हैं.
सत्य साई ट्रस्ट आंध्र प्रदेश के अनंतपुर सहित कई स्थानों पर पेयजल योजनाएं चलाता है.
सत्य साई के भक्तों में वीआईपी भी शामिल हैं. सत्य साई के पास बैठे पूर्व प्रधानमंत्री वीपी नरसिम्हा राव.
सत्य साई के पिता ने उन्हें कई संतों, डॉक्टरों और ओझाओं से दिखाया लेकिन कोई आराम नहीं लगा और वह भक्ति में मगन रहे.
पिछले करीब 60 साल से सत्य साईं बाबा देश के बेहद प्रभावशाली अध्यात्म गुरुओ में से एक हैं.
आज दुनिया जिन्हें सत्य साई बाबा के नाम से जानती है उनके बचपन का नाम सत्यनारायण राजू था.
सत्य साईं का जन्म आन्ध्र प्रदेश के पुट्टपार्थी गांव में 23 नवंबर 1926 को हुआ था. वो बचपन से ही बड़े अक्लमंद और दयालु थे.
सत्य साई संगीत, नृत्य, गाना, लिखना इन सबमें काफी अच्छे थे.
ऐसा कहा जाता है कि सत्य साई बचपन में ही हवा से मिठाई और खाने पीने की दूसरी चीजें पैदा कर देते थे.
सत्यनारायण ने अपने गांव पुट्टापर्थी में तीसरी क्लास तक पढ़ाई की. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो बुक्कापटनम के स्कूल चले गए.
23 मई 1940 को उनकी दिव्यता का लोगों को अहसास हुआ. सत्य साईं ने घर के सभी लोगों को बुलाया और चमत्कार दिखाने लगे.
बाबा के बारे में कहा जाता है कि 8 मार्च 1940 को उनको एक बिच्छू ने डंक मार दिया. कई घंटे तक वो बेहोश पड़े रहे. उसके बाद के कुछ दिनों में उनके व्यक्तित्व में खासा बदलाव देखने को मिला. वो कभी हंसते, कभी रोते तो कभी गुमसुम हो जाते. उन्होंने संस्कृत में बोलना शुरू कर दिया जिसे वो जानते तक नहीं थे.
24 अप्रैल, 2011 को 85 वर्ष की अवस्था में साईं बाबा को समाधि दी गई थी.
सत्य साई ट्रस्ट की आमदनी का मुख्य जरिया देश-विदेश से भक्तों की ओर दिए जाने वाला दान है.
जून 1993 में बाबा के दो सहयोगियों की हत्या के मामले को भी बाबा के यौन शोषण मामले से जोड़ा गया था.
2004 में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में बाबा की एक विदेशी महिला भक्त अलाया रहम को ये कहते हुए दिखाया गया कि बाबा ने उस पर सेक्स संबंध बनाने का दबाव डाला था.
सत्य साई बाबा भी विवादों से घिरे रहे. उन पर यौन शोषण का आरोप लगा.
सत्य साई ट्रस्ट का दावा है कि बाबा के 178 देशों में एक करोड़ से ज्यादा भक्त हैं.
रत्नाकर और चेतना दोनों की नजर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर है. बाबा के आध्यात्म का स्रामाज्य 114 देशों में फैला हैं, जिसमें 1200 सत्य साई सेवा केंद्र हैं.
साई बाबा के भतीजे आर.जे रत्नाकर, बाबा की बड़ी बहन की पोती चेतना राजू भी दावेदारों में शामिल रहीं.
पुट्टापर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम में पहला बड़ा आयोजन हो रहा है.
जहां साईं बाबा को समाधि दी गई, वहां सत्य साईं आराधना महोत्सव' नाम से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.
सत्य साई के पास बैठे पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव.
कुछ समय के बाद सत्य साई ने अपने आप को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित कर दिया.
उनके पिता को लगा कि उनके बेटे पर किसी भूत का साया पड़ गया है. उन्होंने एक छड़ी ली और सत्यनारायण से पूछा कि कौन हो तुम? सत्यनारायण ने कहा कि मैं साईं बाबा हूं.