हैदराबाद में 21 फरवरी को हुए दोहरे बम ब्लास्ट के अगले दिन केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दोनों घटनास्थलों का जायजा लिया. शिंदे इस दौरान पीड़ितों से मिलने अस्पताल भी गए.
22 फरवरी को सुबह विशेष उड़ान से हैदराबाद पहुंचे शिंदे सीधे दिलसुखनगर गए और विस्फोट स्थल का मुआयना किया.
शिंदे ने कहा कि विस्फोटों में 14 लोगों की मौत हुई है और 119 घायल हुए हैं. इनमें से छह की हालत गंभीर है.
उन्होंने कहा कि जांच शुरू हो गई है और राज्य सरकार ने एक जांच टीम नियुक्त कर दी है.
इस बारे में पूछे जाने पर कि इस तरह की सूचना थी कि हैदराबाद में विस्फोट हो सकता है, शिंदे ने कहा कि कोई विशेष अलर्ट नहीं था और राज्यों को केवल सामान्य अलर्ट जारी किया गया था.
विस्फोट में शामिल समूह से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों के बारे में तुरंत नहीं कहा जा सकता है.
केंद्रीय गृहमंत्री के साथ आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह भी थे.
तीन लोग शक के घेरे में हैं जिनमें से एक का नाम तबरेज है जो आजमगढ़ का रहने वाला है.
दूसरे का नाम वकार है जो समस्तीपुर का रहने वाला है.
तीसरे का नाम मंजर है जो झारखंड का रहने वाला है.
अठारह जनवरी को यासीन भटकल और मंजर के बीच मीटिंग हुई थी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने हैदराबाद के एक लौज में मंजर को दबोचने के लिए दबिश भी डाली थी लेकिन मंजर तीन घंटे पहले ही भाग निकला था. हैदराबाद के लॉज अमितेश सिन्हा के नाम से रुका था मंजर.
जांच एजेंसी के हाथों कुछ अहम सुराग लगे हैं. अमोनिया, यूरिया, पेट्रोल, आईइडी और स्पलिंटर मौके से मिला. इस ब्लास्ट में पुणे मोड्यूल का तरीका ही अपनाया गया है.
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि घटनास्थल के पास के सीसीटीवी कैमरे खराब थे. साजिश के तहत सीसीटीवी कैमरों को धमाके से पहले खराब किया गया था.
हैदराबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट में पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं. मौके से पुलिस को अमोनिया, यूरिया, पेट्रोल, आईइडी और स्पलिंटर मौके से मिला है.