भूकंप प्रभावित सिक्किम में कई इलाकों के पूरी तरह से तबाह हो जाने और पहाड़ों के क्षतिग्रस्त हो जाने के बीच सेना ने कहा है कि लाचुंग और लांचेन जैसे स्थलों को जोड़ने वाली सड़क को ठीक करने में अभी समय लगेगा.
पिछले रविवार को आए 6.8 तीव्रता वाले भूकंप के कारण उत्तरी सिक्किम के कई हिस्सों का संपर्क कट गया था.
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि सेना ने पांच दिनों में करीब 40 किलोमीटर सड़क चालू कर दी है और करीब 35 किलोमीटर सड़क अब भी चालू की जानी है.
इंजीनियरिंग रेंजिमेंट के एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप प्रभावित दूरदराज इलाकों के लिए गंगटोक से करीब 60 किलोमीटर दूर मंगन प्रवेशद्वार माना जाता है लेकिन समस्या तुंग से लांचेन और लाचुंग तक है.
उन्होंने कहा कि बिट्टू के जरिए गंगटोक से मंगन के एक रास्ते में 14 स्थानों पर व्यापक भूस्खलन हुआ है.
तीन दिनों में उसे साफ कर लिया गया है और उसे आम यातायात के लिए खोल दिया गया है.
लेकिन तुंग से आगे की सड़क की स्थिति अत्यंत खराब है और इसे आम लोगों के लिए खोलने में अभी समय लगेगा.
सड़क साफ करने में लग रहे समय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहाड़ का एक हिस्सा गिर गया है जिससे कई स्थानों पर सड़क पूरी तरह बर्बाद हो गयी है.
इसके अलावा बड़े पैमाने पर विस्फोट का सहारा नहीं लिया जा रहा है क्योंकि इससे पहाड़ के अन्य हिस्से के गिरने की आशंका पैदा हो सकती है.
अधिकारी ने कहा कि इस स्थिति की वजह से हमें पूरी सावधानी बरतते हुए काम करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि नयी सड़कें भी बनानी पड़ रही है जिससे लगने वाले समय में वृद्धि हो रही है.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया टीम के निसीथ उपाध्याय ने बताया कि हमने कई छोटे छोटे दल गठित किए हैं जो ऐसे गांवों की ओर बढ़ रहे हैं जो कटे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि उनके कर्मी कई ऐसे गांवों तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं.
उपाध्याय ने कहा कि हम न केवल राशन मुहैया करा रहे हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने पर जोर दे रहे हैं ताकि उन्हें भोजन और चिकित्सा सुविधा मिल सके.
भूकंप के रूप में प्राकृतिक आपदा झेलने के लगभग एक सप्ताह बाद सिक्किम धीरे-धीरे सामान्य होने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रहा है.
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बारिश से राहत कार्यों में बाधा आने के बावजूद दूरदराज के इलाकों की सड़कों पर यातायात बहाल होने लगा है.
प्रदेश के मानव संसाधन विकास मंत्री एन के प्रधान ने बताया कि प्रदेश में जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. दूरदराज के इलाकों में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं