नामः वीके सिंह
उम्रः 63 साल
देश के 24वें सेना प्रमुख रहे जनरल विजय कुमार सिंह बीजेपी के टिकट पर गाजियाबाद सीट से लोकसभा चुनाव जीते हैं. वह
पहले ऐसे कमांडो थे, जो जनरल की रैंक तक पहुंचे. साथ ही वह पहले ऐसे जनरल हैं, जो अपने सेवाकाल के दौरान ही सरकार
को कोर्ट में घसीट ले गए. सेवानिवृत्ति के बाद वह अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जुड़ गए और चुनाव से पहले
बीजेपी में शामिल हो गए.
नामः निर्मला सीतारमन
उम्रः 54 साल
पार्टी प्रवक्ता. तमिलनाडु की रहने वाली. जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशंस में एमफिल किया. रिसर्च में कॉरपोरेट सेक्टर की
नौकरी की. फिर कुछ समय बीबीसी के लिए काम किया. 2003 से 2005 तक नेशनल कमीशन फॉर विमेन की मेंबर रहीं.
नामः धर्मेंद्र प्रधान
उम्रः 44 साल
उड़ीसा के नेता. पिता भी बीजेपी से सांसद रहे. धर्मेंद्र 2004 में उड़ीसा की देवगढ़ सीट से लोकसभा सांसद रहे. फिलहाल बिहार
से राज्यसभा सांसद हैं. संगठन में पार्टी महासचिव का दायित्व. बिहार और झारखंड के पार्टी प्रभारी.
नामः डॉ. जितेंद्र सिंह
कांग्रेस के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर की ऊधरपुर लोकसभा सीट से चुनाव हराया.
पेशे से डॉक्टर. राज्य में पार्टी के प्रवक्ता रहे, मगर मकबूलियत हासिल हुई गरीबों के लिए डायिबिटीज के इलाज के कैंप
लगाकर.
नामः जीएम सिद्धेश्वर
उम्रः 61 साल
कर्नाटक की दावनगेरा संसदीय सीट से बीजेपी के टिकट पर लगातार तीसरी बार लोकसभा में पहुंचे. लिंगायत समुदाय के
कद्दावर नेता. पिता भी बीजेपी के टिकट पर दो बार लोकसभा सांसद रहे.
नामः श्रीपद नाइक
गोवा प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष. गोवा की पणजी सीट से 1999 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं नाइक.
नामः कीरेन रिजुजू
उम्रः 43 साल
अरुणाचल प्रदेश के बीजेपी नेता. अरुणाचल वेस्ट संसदीय सीट से दूसरी बार चुनाव जीते.दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की.
नामः के पी गुज्जर
हरियाणा के फरीदाबाद से सांसद. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भी रहे. जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनावों में गुज्जर वोटों को साधने
की जिम्मेदारी होगी. पहले दो बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे.
नामः मनोज सिन्हा
उम्रः 54 साल
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद. 1996 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता. आईआईटी से एमटेक किया है. भूमिहार बिरादरी
के इस नेता ने राजनीति की शुरुआत 1983 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ का चुनाव जीतकर की थी.
नामः मनसुख भाई
उम्रः 56 साल
1998 से गुजरात की भड़ौच सीट से लगातार लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं मनसुख भाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद माने जाते हैं.
नामः निहालचंद मेघवाल
उम्रः 43 साल
राजस्थान की गंगानगर सीट से 1996 में पहली बार चुनाव जीते. चौथी बार लोकसभा में. वसुंधरा राजे के करीबी.
नामः पीयूष गोयल
उम्रः 49 साल
राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष. सोशल मीडिया पर चुनावी कैंपेन के भी प्रभारी. चार्टेड एकाउंटेंट और लॉ की
पढ़ाई की. पेशे से इनवेस्टमेंट बैंकर.
नामः पोन राधाकृष्णन
पोन राधाकृष्णन. तमिनलाडु प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष. कन्याकुमारी संसदीय सीट से चुनाव जीते. अटल बिहारी वाजपेयी की
सरकार में राज्य मंत्री रहे. संघ की पृष्ठभूमि से आए वरिष्ठ नेता.
नामः प्रकाश जावड़ेकर
महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता. पिता पुणे में हिंदू महासभा के बड़े नेता थे. जावडेकर ने विद्यार्थी परिषद से
शुरुआत की. महाराष्ट्र में स्नातक क्षेत्र से 12 साल तक विधायक रहे.
नामः राव इंद्रजीत सिंह
उम्रः 64 साल
रेवाड़ी रियासत के वारिस. इनके पिता राव वीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री थे. अहीरवाल एरिया में मजबूत पकड़ रखने
वाले इंद्रजीत सिंह का ज्यादातर राजनीतिक सफर कांग्रेस में बीता. इसी के टिकट पर वह तीन बार विधायक और चार बार
सांसद रहे. नरसिम्हा राव सरकार में वह कैबिनेट मंत्री रहे. यूपीए 1 में वह राज्य मंत्री रहे. 2014 में हरियाणा के मुख्यमंत्री
भूपिंदर सिंह हुड्डा पर दक्षिण हरियाणा की उपेक्षा का आरोप लगाकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी. फिर बीजेपी में शामिल हो चुनाव
जीता.
नामः राव साहेब दादाराव पाटिल दानवे
महाराष्ट्र की जालना सीट से लगातार चौथी बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. इससे पहले दो बार विधायक भी रह चुके हैं. उनका बेटा संतोष दानवे अभी विधायक है. महाराष्ट्र की कॉपरेटिव पॉलिटिक्स का एक मजबूत नाम. चुनावी लिहाज से उन्हें मंत्रि परिषद में लिया गया है.
नामः संजीव कुमार बालियान
मुजफ्फरनगर से सांसद. पेशे से वेटनरी डॉक्टर. बालियान ने दो साल पहले अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर कारोबार शुरू किया.
इसी दौरान वह ग्राम पंचायत के मुखिया चुने गए. मुजफ्फरनगर दंगों के लिए कथित रूप से जिम्मेदार जाट पंचायत में
बालियान भी मौजूद थे और उनके खिलाफ राज्य सरकार ने मामला भी दर्ज किया.
नामः संतोष गंगवार
उत्तर प्रदेश की बरेली संसदीय सीट से 1989 से लगातार चुनाव जीत रहे थे संतोष गंगवार. 2009 में हारे, मगर इस बार फिर
जीत कर लोकसभा पहुंचे. अटल बिहारी सरकार में भी राज्यमंत्री थे.
नामः सर्वानंद सोनवाल
असम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष. लखीमपुर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे. 1992 से 1999 तक तक ऑल असम
स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष रहे. 2001 में असम गण परिषद के टिकट पर विधायक और 2004 में सांसद बने. शीर्ष नेतृत्व से
नीतिगत मसलों पर मतभेद के बाद 2011 में बीजेपी ज्वाइन की.
नामः सुदर्शन भगत
झारखंड की लोहरडगा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीता. राज्य में अनुसूचित जनजाति के नए नेतृत्व को उभारने की कवायद के तहत उन्हें मंत्रि परिषद में जगह मिली.
नामः उपेंद्र कुशवाहा
बिहार में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष. काराकाट से चुनाव जीत पहली बार लोकसभा
पहुंचे. उनकी पार्टी ने बिहार में कुल तीन सीटें जीतीं. लंबे समय तक जनता दल की राजनीति की और नीतीश कुमार के करीबी
रहे. मार्च 2013 में नीतीश से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई.
नामः विष्णुदेव सांई
छत्तीसगढ़ प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष. रायगढ़ सीट से लगातार चौथी बार लोकसभा चुनाव जीता. रमण सिंह के करीबी आदिवासी नेता.