9/11 की आतंकी घटना से पहले ओसामा बिन लादेन का पनाहगाह था तोरा बोरा. अफगानिस्तान की जन्नत माने जाने वाले सफेद बर्फीली पहाड़ियों से घिरे इस इलाके
की सुरक्षा करते थे कलाश्निकोव ऑटोमेटिक राइफल्स से लैस बच्चे. 1996 में यहां की जो तस्वीरें जर्नलिस्ट अब्देल बर्री अतवान ने खींची थीं, वो अल कायदा के
लेफ्टिनेंट खालिद अल फव्वाज के ट्रायल के दौरान सामने आई हैं.
सऊदी अरब के एक धनी परिवार में दस मार्च 1957 को पैदा हुआ ओसामा बिन लादेन, अमेरिका पर 9/11 के हमलों के बाद दुनिया भर में चर्चा में आया. अफगानिस्तान के इस पहाड़ी इलाके में अल कायदा के इस लीडर ने सुरंगें और गुफाएं बनाने में कई साल लगाए थे.
इस फोटो में लादेन कोई वीडियो मैसेज रिकॉर्ड करता दिख रहा है. इसी माध्यम से उसने अमेरिका के खिलाफ जंग का ऐलान किया था और फिर इंटरनेशनल
प्रेस के जरिए अपने संदेशों को दुनिया भर में पहुंचाया.
लादेन ज्यादातर वीडियो मैसेजेस की रिकॉर्डिंग इस्लामिक किताबों के आसपास बैठकर करवाता था जिससे वो दुनिया को अपने बुद्धिजीवी होने का प्रमाण दे सके.
अफगानिस्तान की जिन बर्फीली हसीन वादियों से लादेन आतंक का कारोबार चलाता था, वहां उसकी सुरक्षा के लिए आधुनिक हथियारों से लैस उसके बॉडीगार्ड्स, लॉयल
फॉलोअर्स और परिवार के सदस्य रहते थे.
बिन लादेन के घर और अड्डों की यह खुफिया तस्वीरें फिलिस्तीन के पत्रकार अब्देल बर्री अतवान द्वारा ली गई थीं. ये तस्वीरें अल कायदा के लेफ्टिनेंट खालिद अल
फव्वाज के ट्रायल के दौरान सामने आईं, जो 1990 के दशक में लंदन में अल कायदा के लिए काम करता था.
इस तस्वीर में लादेन सीरिया में जन्मे विचारक अबू मुसाब अल - सूरी के साथ बैठा है, जो कि बिन लादेन का सहयोगी था और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग कैंप चलाता
था.
जिन कच्चे घरों में लादेन पनाह लेता था उनकी सुरक्षा कलाश्निकोव राइफल्स से लैस बच्चे करते थे. उस इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग राइफल साथ लेकर ही घूमते थे.
अफगानिस्तान में अरब के लोगों के साथ मिलकर अभियान करते वक्त ही उन्होंने अल कायदा के मूल संगठन की स्थापना कर ली थी.
पत्रकार अतवान के मुताबिक लादेन को प्रकृति से बहुत लगाव था. उसे पहाड़ बहुत पसंद था. वो वहां अपनी कम्युनिटी बसाना चाहता था.
इस फोटो में ये सब एक गुफा के अंदर हैं. तस्वीर में अल सूरी, बिन लादेन और ब्रिटिश डॉक्युमेंट्री मेकर ग्वेन रॉबर्ट्स (बाएं से दाएं)
अक्सर उन बर्फीली पहाड़ियों में लादेन अकेला ही घूमने निकल जाता था. जब 2001 में उस इलाके में पश्चिमी सेनाओं ने धावा बोला, तो लादेन वहां से बच कर निकल गया.
अपने उग्रवादियों के साथ टहलते हुए उसे अक्सर एक छड़ी के साथ देखा गया. 1996 में लादेन अफगान शहर जलालाबाद में बस गया.