जबर्दस्त चक्रवाती तूफान ‘ठाणे’ के तमिलनाडु तट पहुंचने पर यहां भारी वष्रा होने के साथ ही 140 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चली जिससे कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और भारी तबाही हुई.
हालांकि चक्रवात ‘ठाणे’ दक्षिणी आंध्रप्रद्रेश तट से बिना कोई नुकसान पहुंचाये ही गुजर गया.
तूफान से कुड्डलोर एवं संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया.
हालांकि चक्रवात ‘ठाणे’ दक्षिणी आंध्रप्रद्रेश तट से बिना कोई नुकसान पहुंचाये ही गुजर गया.
पिछले दो दिनों से इस चक्रवात के कारण लोग डर के साये में जी रहे थे. इस तूफान के चलते दोनों राज्य हाई अलर्ट पर थे.
अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई से करीब 170 किलोमीटर दूर कुड्डलोर में तूफान ने काफी तबाही मचाई.
तूफान के कारण यहां 21 लोगों की मौत हो गयी, पुडुचेरी में सात, विल्लुपुरम और तिरुवल्लूर में क्रमश: 2-2 व्यक्तियों और चेन्नई में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
मौतें अधिकतर वष्राजनित घटनाओं में हुई. इसके अलावा घरों के ढहने एवं बिजली का करंट लगने की भी घटनाएं सामने आई हैं.
कुड्डलोर एवं पुडुचेरी के तटों पर ‘ठाणे’ के कारण भारी बारिश और तेज हवाएं चलीं जिससे सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी.
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा कि चक्रवाती तूफान से राज्य के चार जिलों में 26 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने राहत कार्यों के लिए 150 करोड़ रुपये जारी किये.
पुडुचेरी का तमिलनाडु के सीमावर्ती जिलों से संपर्क टूट गया और वृक्षों के उखड़ने से सड़क यातायात बाधित हो गया.
जबर्दस्त चक्रवाती तूफान ‘ठाणे’ के तमिलनाडु तट पहुंचने पर यहां भारी वष्रा होने के साथ ही 140 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चली जिससे कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई और भारी तबाही हुई.
तूफान की वजह से आंध्रप्रदेश और रायलसीमा में तेज बारिश हो सकती हैं. तूफान की रफ्तार लगातार बढ़ रही है.
मौसम विभाग ने एक से 10 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरें उठने की आशंका जताई है.
मछुआरों को अगले 48 घंटे तक समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है. हटाए गए लोगों के लिए स्वास्थ, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था करने को कहा गया है.
जिन इलाकों में तूफान का खतरा है, वहां से लोगों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है.
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में इस तूफान का असर दिख सकता है. सरकारों ने पहले ही इस आंशका के मद्देनजर तैयारी पूरी कर रखी है.
110 से लेकर 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले इस तूफान से भारी तबाही की आशंका व्यक्त की गई है.
मौसम विभाग की मानें, तो अगले चंद मिनट में ये पुड्डुचेरी तक पहुंच जाएगा. महाबलिपुरम में इस तूफान का असर साफ-साफ दिखने भी लगा है. पेड़ उखड़ रहे हैं और भारी बारिश हो रही है. कई इलाकों में कच्चे मकानों पर भी असर पड़ा है.
पुड्डुचेरी, कड्डलोर और नागापट्टनम में हाई अलर्ट है. यहां तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है.
कई पेड़ बिजली और फोन के खम्बे उखड़ गए हैं. साथ ही कई घरों की टिन और लकड़ी की छतें उड़ गई हैं.
इन जिलों के कई इलाकों में बिजली गुल है हालांकि प्रशासन ने समंदर के पास रहने वाले लोगों पहले ही सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है. इनके लिए कड्डलोर और नागापट्टनम में 49 राहत शिविर लगाए गए हैं.
तमिलनाडु सरकार ने नागापट्टनम से लेकर वेल्लोर तक आठ टीमें राहत और बचाव के लिए भेज दिया है.
नेशनल डिजासटर मैनेजमेंट फोर्स के 15 हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है.
सरकार ने तीन जिलों में स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी का ऐलान कर दिया है. प्रशासन ने लोगों से घरों के भीतर ही रहने की सलाह दी है.
समंदर की लहरों से पैदा हुआ एक तूफान बहुत तेजी से भारत के पूर्वी तटों को तबाह करता हुआ आगे बढ़ रहा है. ठाने नाम का यह समुद्री तूफान तमिलनाडु के महाबलिपुरम को छू चुका है.
एटोमिक एनर्जी कमिशन के चेयरमेन डॉ श्री कुमार ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि उन्हें प्लांट पर तूफान के होने वाले असर की चिंता तो है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि तूफान से बचने के लिए न्यूक्लियर प्लांट में खासी तैयारियां भी की गई हैं और इससे निपटने के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है.
कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट तूफान आने की संभावित जगहों से काफी दूर है लेकिन कलपक्कम प्लांट की सुरक्षा प्रशासन के लिए चिंता की बात बनी हुई है.
ठाने नाम के तूफान के आने की खबर से आम लोगों में तो डर का माहौल बना ही हुआ है लेकिन इसकी वजह से अब तमिलनाडू के न्यूक्लियर प्लांट्स की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.