कई घर पूरी तरीके से ढह चुके हैं.
जगह जगह दीवारों और सड़कों में दरारें पड़ गई हैं.
भूकंप के कारण कई इमारत पूरी तरीके से बर्बाद हो गए हैं.
बताया जा रहा है कि अब भी मलबों में कुछ लोग फंसे हो सकते हैं.
पूर्वोत्तर भारत में आए भूकंप में केवल सिक्किम में 40 लोगों की मौत हो गई.
भूकंप के कारण पूरी की पूरी दीवार ढह गई.
भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में भी मुश्किल आ रही है.
पहाड़ी इलाका होने के कारण लोगों के साथ सेना को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
सिक्किम सहित पूर्वोत्तर के अन्य भागों और पड़ोसी देश नेपाल में रविवार शाम आए 6.8 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए.
सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य भागों में रविवार शाम आए रिक्टर स्केल पर 6.8 तीव्रता के भूकंप में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 30 लोगों को मामूली चोटें आई हैं.
दूसरी तरफ, भूकंप के कारण कई इमारतों को व्यापक तौर पर नुकसान पहुंचा है.
पूर्वोत्तर में पिछले दो दशक में अब तक के सबसे तीव्र इस भूकंप का केंद्र राजधानी गंगटोक से 50 किमी दूर सिक्किम-नेपाल सीमा पर मंगन और सेक्योंग में था.
सिक्किम के मुख्य सचिव कर्मा ग्यात्सो ने बताया कि भूकंप के कारण राज्य में पांच लोगों की मौत हो गई.
दो की मौत सिंगथाम (पूर्व) में, दो की रिशी (पश्चिम) में और मनगान (उत्तर) में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए सरकार ने सेना की मदद मांगी है.
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में तीन और जलपाईगुड़ी में एक व्यक्ति की मौत हो गई. बिहार के नालंदा और दरभंगा जिलों में पांच वर्षीय एक बच्ची और एक युवक की मौत हो गई.
दूसरी तरफ, नेपाल में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई. इनमें से तीन की मौत काठमांडो स्थित ब्रिटिश दूतावास के बाहर उस समय हुई जब एक दीवार टूटकर गिर गई.
ग्यात्सो ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल सिक्किम के लिए रवाना हो चुका है और सोमवार तक पहुंच जाएगा. भूकंप के झटके असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी महसूस किए गए.
उधर, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने उत्तरी सिक्किम के पेगोंग इलाके में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं.
भूकंप से ‘बुरी तरह प्रभावित’ पेंगोंग में आईटीबीपी की दो इमारतें ढह गई हैं. हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
भूकंप के पहले झटके के आधे घंटे के भीतर इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 5.7, 5.3 और 4.6 तीव्रता के तीन और झटके महसूस किए गए.
भू विज्ञान मंत्रालय के सचिव शैलेश नायक ने दिल्ली में बताया, ‘गंगटोक समेत सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में 30 सेकंड से एक मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए.’
ग्यात्सो ने इसे ‘भीषण भूकंप’ बताया. उन्होंने कहा, ‘हमने सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों को अलर्ट रहने को कहा है.
इस बीच भूकंप आने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग से बात की.
प्रधानमंत्री ने चामलिंग को सुरक्षा बलों की उपलब्धता समेत हर संभावित तरीके से मदद की पेशकश की.
पीएमओ सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का निर्देश दिया है.
गृह मंत्रालय में आपदा प्रबंधन, संयुक्त सचिव आर के श्रीवास्तव ने बताया कि वायु सेना के पांच विमानों को राहत कार्यों में लगा दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के दिल्ली और कोलकाता से दो दलों को राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए भेजा गया है.
शाम छह बज कर 10 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र सतह से 21 किमी नीचे था. विशेषज्ञों का मानना है कि गहराई कम होने के कारण भूकंप के केंद्र के पास इसका ज्यादा प्रभाव हुआ है.
गंगटोक में टेलीफोन बंद हो गए हैं और मोबाइल नेटवर्क भी जाम हैं. बिजली चली जाने के कारण गंगटोक अंधेरे में डूब गया है. गंगटोक निवासी कर्मा प्रधान ने बताया, ‘कुछ लोग घरों से बाहर भाग आए, जबकि कुछ लोग खिड़कियों से कूद गए.
पड़ोसी असम के धुबरी जिले में भूकंप में एक महिला के घायल होने की खबर है. प्रदेश के कई हिस्सों में कई इमारतों में दरार आ गईं हैं और बिजली के खंबे गिर गए हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महिला के घर की दीवार ढहने से वह घायल हो गई.
शिलांग में मौसम विभाग ने बताया कि छह बज कर 10 मिनट पर एक झटका आने के बाद छह बज कर 21 मिनट और छह बज कर 42 मिनट पर रिक्टर स्केल पर 6.1 और 5.3 तीव्रता के दो और झटके महसूस किए गए.
देश के उत्तर.पूर्व में और राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तरी भागों में रविवार को भूकंप का झटका महसूस किया गया.
राष्ट्रीय राजधानी के भी कई हिस्सों में भूकंप महसूस किया गया. दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े में यह दूसरा भूकंप है. इसके पहले यहां सात सितंबर की आधी रात को भूकंप महसूस किया गया था.
इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 तीव्रता मापी गयी
इस भूकंप का केंद्र सिक्किम-नेपाल सीमा पर था.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि भूकंप का केंद्र 27.7 अंश उत्तरी अक्षांश और 88.2 अंश पूर्वी देशांतर पर था.
भूकंप की खबर मिलने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग से बात की और उन्हें सभी जरूरी मदद का आश्वासन दिया.
भूकंप का झटका असम, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में महसूस किया गया.
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक तत्काल बुलाने का निर्देश दिया.
शाम करीब 6.10 बजे कुछ सैकंड तक आये झटके ने रविवार की छुट्टी मना रहे लोगों में दहशत पैदा कर दी. हालांकि जान.माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
राष्ट्रीय राजधानी में भी कुछ भागों में भूकंप का झटका महसूस किया गया.
दिल्लीवासियों के लिए एक पखवाड़े के भीतर भूकंप का यह दूसरा झटका है.
इससे पहले सात सितंबर की रात को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे.
दिल्ली के आसपास गुड़गांव और अन्य हिस्सों में भी मामूली झटका महसूस किया गया.
पटना से आई खबर के अनुसार बिहार के अनेक हिस्सों में भूकंप का झटका महसूस किया गया.
इमारतों में कंपन के बाद लोग अपने घरों से बाहर खुली जगहों पर आ गये.
उत्तर बिहार के दरभंगा के साथ ही प्रदेश के मधुबनी, समस्तीपुर, नवादा, मुंगेर तथा अन्य जिलों से भी इस तरह की खबरें हैं.
दरभंगा में भूकंप के बाद मची भगदड़ में एक व्यक्ति के मौत की भी खबर है.
पड़ोसी प्रदेश झारखंड में भी भूकंप का एहसास हुआ. इसके अलावा साहबगंज और गिरीडीह में भी लोगों ने भूकंप के झटके को महसूस किया.
देश के उत्तर में राजधानी दिल्ली के अलावा जयपुर और राजस्थान के आसपास के कुछ इलाकों में भूकंप का झटका महसूस किया गया.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ समेत वाराणसी, मउ, आजमगढ़, देवरिया, बलिया तथा अन्य शहरों में भी भूकंप से लोग दहशत में आ गये.
दरभंगा में भूकंप के बाद मची भगदड़ में एक व्यक्ति के मौत की भी खबर है.
उत्तर बिहार के दरभंगा के साथ ही प्रदेश के मधुबनी, समस्तीपुर, नवादा, मुंगेर तथा अन्य जिलों से भी इस तरह की खबरें हैं.
इमारतों में कंपन के बाद लोग अपने घरों से बाहर खुली जगहों पर आ गये.
पटना से आई खबर के अनुसार बिहार के अनेक हिस्सों में भूकंप का झटका महसूस किया गया.
दिल्ली के आसपास गुड़गांव और अन्य हिस्सों में भी मामूली झटका महसूस किया गया.
इससे पहले सात सितंबर की रात को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे.
दिल्लीवासियों के लिए एक पखवाड़े के भीतर भूकंप का यह दूसरा झटका है.
राष्ट्रीय राजधानी में भी कुछ भागों में भूकंप का झटका महसूस किया गया.
शाम करीब 6.10 बजे कुछ सैकंड तक आये झटके ने रविवार की छुट्टी मना रहे लोगों में दहशत पैदा कर दी.
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक तत्काल बुलाने का निर्देश दिया.
भूकंप का झटका असम, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में महसूस किया गया
भूकंप की खबर मिलने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग से बात की और उन्हें सभी जरूरी मदद का आश्वासन दिया.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि भूकंप का केंद्र 27.7 अंश उत्तरी अक्षांश और 88.2 अंश पूर्वी देशांतर पर था.
इस भूकंप का केंद्र सिक्किम-नेपाल सीमा पर था.
इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 तीव्रता मापी गयी.
देश के उत्तर-पूर्व में और राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तरी भागों में रविवार को भूकंप का झटका महसूस किया गया.
भूकंप से ‘बुरी तरह प्रभावित’ पेंगोंग में आईटीबीपी की दो इमारतें ढह गई हैं. हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
वहीं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने उत्तरी सिक्किम के पेगोंग इलाके में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश की कई इमारतों में दरारें पड़ गईं हैं. ग्यात्सो ने बताया कि आपदा प्रबंधन के जवानों को प्रभावित इलाके में तैनात कर दिया गया है.
इसके अलावा सिंगथम के बाहरी क्षेत्र के एक निवासी की भी भूकंप में मौत हो गई.
सिक्किम के मुख्य सचिव कर्मा ग्यात्सो ने बताया कि भूकंप के कारण पूर्वी सिक्किम जिले के सिंगथम में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
भूकंप के झटके असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी महसूस किए गए.
पिछले दो दशक में सबसे तीव्र इस भूकंप का केंद्र गंगटोक से 50 किमी दूर सिक्किम-नेपाल सीमा पर मंगन और सेक्योंग में था.
भूकंप के कारण कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है.