लंबी बीमारी के बाद आज केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का निधन हो गया.
देशमुख ग्रामसभा से लेकर केंद्रीय मंत्री तक बने और उन्होंने अपने गृहनगर लातूर को बदल दिया.
इस मराठा को लोक निर्माण और गृह मंत्रालय का जिम्मा मिला.
1974 में बाभल गांव पंचायत के सरपंच बने थे देशमुख.
2009 में देशमुख राज्यसभा के लिए चुने गए थे.
26/11 के बाद देशमुख से इस्तीफा मांग लिया गया था.
देशमुख कांग्रेस के बड़े कद्दावर नेताओं में से एक थे हालांकि इसके बावजूद उन्हें पार्टी ने बगावत के लिए एक बार निकाल दिया था.
67 साल की उम्र में ही वह दुनिया छोड़ गए.
26 मई 1945 को लातूर की भूमि में देशमुख का जन्म हुआ था.
1980 में पहली बार देशमुख विधायक बने थे.
विलासराव देशमुख राज्यमंत्री के पद पर आसीन हुए.
देशमुख को लीवर की शिकायत के बाद चेन्नई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इससे पहले वह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे जहां उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए चेनई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
देशमुख के गुर्दे और लिवर ने काम करना बंद कर दिया था और इसी कारण उन्हें लाईफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था.
कांग्रेस के कद्दावर नेता विलासराव महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम है.
साथ ही वो महाराष्ट्र के राजनीति में कांग्रेस के सबसे अहम सिपहसलार थे.
दरअसल इसकी वजह महाराष्ट्र के लगभग सभी बिजनेस घरानों से विलासराव देशमुख का मधुर संबंध थे.
देशमुख को औद्योगिक घरानों का समर्थन मिला हुआ है और कद्दावर नेता शरद पवार के कांग्रेस छोड़ने के बाद से कांग्रेस महाराष्ट्र के औद्योगिक संबंधों को लेकर विलासराव देशमुख पर ही बहुत हद तक निर्भर रही है.
विलासराव देशमुख का जन्म 26 मई 1945 को लातूर जिले के बाभालगांव के एक मराठा परिवार में हुआ था.
उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से विज्ञान और ऑर्ट्स दोनों में स्नातक की पढ़ाई की है.
पुणे के ही इंडियन लॉ सोसाइटी लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की.
विलासराव ने युवावस्था में ही समाजसेवा करना शुरू कर दिया था. उन्होंने सूखा राहत कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
विलासराव देशमुख और उनकी पत्नी वैशाली देशमुख को तीन बेटे हैं. अमित देशमुख, रितेश देशमुख और धीरज देशमुख.
अमित देशमुख लातूर से विधायक हैं. जबकि रितेश देशमुख जानेमाने बॉलीवुड कलाकार हैं.
विलासराव देशमुख ने पंचायत से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और पहले पंच और फिर सरपंच बने.
जिसके बाद वह जिला परिषद के सदस्य और लातूर तालुका पंचायत समिति के उपाध्यक्ष भी रहे.
विलासराव युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रहे और अपने कार्यकाल के दौरान युवा कांग्रेस के पंचसूत्रीय कार्यक्रम को लागू करने की दिशा में भी काम किया.
इसके बाद विलासराव देशमुख ने राज्य की राजनीति में कदम रखा और 1980 से 1995 तक लगातार तीन चुनावों में विधानसभा के लिए चुने गए और विभिन्न मंत्रालयों में बतौर मंत्री कार्यरत रहे.
इस दौरान उन्होंने गृह, ग्रामीण विकास, कृषि, मतस्य, पर्यटन, उद्योग, परिवहन, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, युवा मामले, खेल समेत अनेक पदों पर मंत्री के रूप में कार्य किया.
विलासराव देशमुख का जन्मस्थल लातूर है और यही उनका चुनावी क्षेत्र भी है.
राजनीति में आने के बाद से उन्होंने लातूर का नक्शा ही बदल दिया है.
1995 में विलासराव देशमुख चुनाव हार गए लेकिन 1999 के चुनावों में उनकी विधानसभा में फिर से वापसी हुई और वो पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने.
लेकिन उन्हें बीच में ही मुख्यमंत्री की गद्दी छोड़नी पड़ी और सुशील कुमार शिंदे को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाया गया.
लेकिन अगले चुनावों में मिली अपार सफलता के बाद कांग्रेस ने उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाया.
पहली बार विलासराव देशमुख 18 अक्टूबर 1999 से 16 जनवरी 2003 तक मुख्यमंत्री रहे.
जबकि दूसरी बार उनके मुख्यमंत्रित्व का कार्यकाल 7 सितंबर 2004 से 5 दिसंबर 2008 तक रहा.
मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के दूसरे कार्यकाल के दौरान मुंबई सीरियल ब्लास्ट हुआ.
इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया.
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय राजनीति का रुख किया और राज्यसभा के सदस्य बने.
उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई और उन्होंने भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री, पंचायती राज मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर काम किया.
वर्तमान में विलासराव देशमुख विज्ञान और तकनीक मंत्री के साथ ही भू-विज्ञान मंत्री भी थे.
इसके साथ ही विलासराव देशमुख मुंबई क्रिकेट एशोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं.
विलासराव देशमुख का विवादों से भी नाता रहा है.
उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में फिल्मकार सुभाष घई को फिल्म संस्थान बनाने के लिए सरकार की ओर से 20 एकड़ जमीन मुहैया कराई थी.
जिसे 2012 में बंबई हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया और सुभाष घई को जमीन लौटाने का आदेश दिया.
2010 में अपने भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में मुंबई पुलिस पर दबाव डालने के शिकायत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
विलासराव देशमुख मुंबई पर 26/11 हमले के बाद अपने बेटे रितेश देशमुख और फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा के साथ होटल ताज का मुआयना करने पहुंचे.
विपक्ष ने उनकी जबरदस्त आलोचना की और आरोप लगाया कि वो अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए रामगोपाल वर्मा को होटल ताज ले गए.
इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
सीएजी की एक रिपोर्ट में विलासराव देशमुख पर अपने मुख्यमंत्री के पद के दुरुपयोग करने का एक और आरोप लगा है.
इसमें उनपर अपने परिवार द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट को सस्ते में 23,840 वर्ग मीटर के प्लॉट का आवंटन करने का आरोप है.
आरोप है कि उन्होंने एक चौथाई कीमत पर प्लॉट का आवंटन करवाने में भूमिका निभाई. इसके अलावा चर्चित आदर्श घोटाले में भी उनका नाम उछला.
उनके निधन के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक चाय पार्टी का आयोजन किया था जिसे उन्होंने कैंसिल कर दिया है.
उनके निधन पर बीजेपी ने भी कहा कि वह जमीन से जुड़े हुए नेता थे.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर दुख व्यक्त किया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी देशमुख के निधन पर दुख जताया.
बीसीसीआई अध्यक्ष ने भी इस मौके पर गहरा दुख व्यक्त किया.
लालू यादव ने निधन पर शोक जताया.
देशमुख का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव लातूर में बुधवार को होगा.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के साथ देशमुख के काफी गहरे रिश्ते थे.
आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएसआर राजशेखर रेड्डी के साथ विलासराव देशमुख.
महाराष्ट्र की राजनीति के तीन बड़े नाम, सुशील कुमार शिंदे, छगन भुजबल और विलासराव देशमुख.
पूर्व राष्ट्रपति कलाम के साथ विलासराव देशमुख.
स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद के साथ विलासराव देशमुख.
विलासराव देशमुख के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने शोक संवेदना जताया.