पटना सहित राज्य के प्रमुख शहरों में बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, तो खुदरा विक्रेता भी अपनी दुकानें बंद रख भारत बंद के समर्थन में नजर आए. पटना के अधिकांश निजी विद्यालयों को भी बंद रखा गया. बाजार बंद रहने के कारण सड़कों पर आवागमन भी कम देखा गया.
कर्नाटक और हैदराबाद के व्यापारियों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
एफडीआई के फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन के कई नए तरीके देखने को मिले.
रिटेल में विदेशी निवेश के फैसले के खिलाफ परेशान व्यापारियों के भारत बंद का व्यापक असर पूरे देश में देखा जा रहा है.
गुरुवार सुबह दिल्ली, लखनऊ, मुंबई और कोलकात जैसे बडे शहरों में दुकान नहीं खुले हैं. बाजार के आसपास लोगों की चहलकदमी भी कम है.
रिटेल में विदेशी निवेश के फैसले के खिलाफ आज दिल्ली बंद है. एफडीआई के खौफ से परेशान व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ऐलान कर दिया है कि आज दिल्ली के सारे बाजार बंद रहेंगे.
व्यापारी संघ के भारत बंद के ऐलान का असर राजधानी दिल्ली के बाजारों में साफ दिख रहा है. शहर के ज्यादातर दुकान नहीं खुले हैं.और धीरे-धीरे व्यापारी एकत्रित हो रहे हैं.
जंतरमंतर ही नहीं, दिल्ली के अन्य इलाकों में खुदरा व्यापारी संगठन के सदस्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं.
खुदरा व्यापारियों के बंद को बीजेपी का पूरा समर्थन है. बीजेपी ने भी ऐलान किया है कि जगह धरना प्रदर्शन होंगे और सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की जाएगी. हालांकि पार्टी कार्यकर्ता अभी तक सड़कों पर नहीं उतरे हैं.
गुस्से में हैं देश भर के कारोबारी. नाराजगी इस बात को लेकर की सरकार ने आखिर रिटेल में विदेशी निवेश की छूट का फैसला क्यों लिया. देश भर के खुदरा कारोबारियों ने सरकार के फैसले के खिलाफ बाजार और दुकानें बंद रखने का फैसला लिया है.
विभिन्न संगठनों व संघों द्वारा देशभर में आयोजित बंद में मुम्बई के एक लाख से ज्यादा थोक विक्रेता, खुदरा व्यवसायी व छोटे व्यवसायी भी शामिल हुए हैं.
व्यापारी महासंघ का दावा है कि 5 करोड़ से ज्यादा व्यापारी सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी दुकानें बंद रखेंगे. व्यापारियों की मांग है कि सरकार अपना फैसला वापस ले.
संसद से निकलकर अब ये संग्राम पूरे देश में सड़कों पर पहुंच चुका है. आज व्यापारियों ने एफडीआई के विरोध में भारत बंद बुलाया है. इस बंद को बीजेपी और दूसरी पार्टियों का भी समर्थन हासिल है.
खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में विभिन्न संगठनों व संघों द्वारा देशभर में आयोजित बंद में मुम्बई के एक लाख से ज्यादा थोक विक्रेता, खुदरा व्यवसायी व छोटे व्यवसायी भी शामिल हुए हैं.
मुंबई पुलिस ने बंद के मौके पर ट्रेडर यूनियन के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस है इसके बावजूद भारत बंद के आयोजन का व्यापक असर देखा जा रहा है.
व्यापारी संगठनों का मानना है कि विदेशी कंपनियों के आने के बाद देश के लाखों छोटे दुकानदारों व कारखानों का कारोबार पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और करोड़ों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे.
केंद्र सरकार द्वारा खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद का मध्य प्रदेश, बिहार और हिमाचल प्रदेश में भी व्यापक असर रहा. बंद से कारोबार पूरी तरह प्रभावित रहा लेकिन स्कूल, कॉलेज खुले रहे.
लखनऊ के खुदरा व्यापारियों को डर है कि वालमार्ट औऱ टेस्को जैसी कंपनियो के आ जाने से उनकी रोजी रोटी के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
मायावती ने यहां अपने आवास पर पार्टी नेताओं के साथ शाम को हुई बैठक में कहा कि विदेशी कंपनियों के आने के बाद देश के लाखों छोटे दुकानदारों व कारखानों का कारोबार पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और करोड़ों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे.
लखनऊ का हजरतगंज इलाका सुबह से सुनसान रहा. व्यापारियों ने दुकान नहीं खोला .
उत्तर प्रदेश में एफडीआई के मुद्दे पर विरोधी पार्टियां सपा और बसपा एक साथ नजर आ रही है.
भारत बंद के आयोजन के दौरान सरकार और विदेशी कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता.
मुंबई के साथ पूरी मुंबई को राशन औऱ सब्जियों की सप्लाई करने वाला नवी मुंबई का एपीएमसी मार्केट भी बंद रहेगा. खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश के विरोध में एपीएमसी मार्केट के करीब पांच हजार व्यापारी अपनी दुकानें बंद रखेंगे.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में व्यापारिक संगठनों द्वारा गुरुवार को आयोजित भारत बंद को समर्थन दिया है.
देशभर में आयोजित बंद में मुम्बई के एक लाख से ज्यादा थोक विक्रेता, खुदरा व्यवसायी व छोटे व्यवसायी भी शामिल हुए हैं.
मुंबई सहित महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रह, तो खुदरा विक्रेता भी अपनी दुकानें बंद रख भारत बंद के समर्थन में नजर आएं.
व्यापारियों के बंद को बीजेपी और सीपीआई का समर्थन भी हासिल है.खुदरा व्यापारियों को डर है कि वालमार्ट औऱ टेस्को जैसी कंपनियो के आ जाने से उनकी रोजी रोटी के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसला का विरोध करते हुए व्यापारी. हालांकि इस बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है.
दिल्ली में बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, तो खुदरा विक्रेता भी अपनी दुकानें बंद रख भारत बंद के समर्थन में नजर आएं.
व्यापारी संगठन के भारत बंद आयोजन को महिला मोर्चा का भी जबरदस्त समर्थन मिला है.
तस्वीरों के जरिए एफडीआई का एक और अर्थ समझाती हुईं महिलाएं.
विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी जुलूस निकाला,
केंद्र सरकार द्वारा खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद का मध्य प्रदेश में भी व्यापक असर रहा.बंद से कारोबार पूरी तरह प्रभावित रहा लेकिन स्कूल, कॉलेज खुले रहे.
राजधानी भोपाल सहित राज्य के सभी स्थानों पर कारोबार पूरी तरह ठप्प रहा. भोपाल में सुबह से ही बंद का असर नजर आया. सभी प्रतिष्ठानों पर ताले लटके रहे. व्यापारिक संगठनों ने जगह-जगह धरना दिया और उपवास रखे.