वाईएस राजशेखर रेड्डी को वाईएसआर के नाम से जाना जाता था और वे 2004 से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
2009 के आम चुनाव के लिए वाईएसआर रेड्डी के अभियान का मूल मंत्र 'विकास और विश्वसनीयता' था.
नई दिल्ली में आयोजित नेशनल डेवलेपमेंट काउंसिल की 52वीं मीटिंग के दौरान अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ वाईएसआर रेड्डी.
वाईएसआर के नेतृत्व में मई 2004 के राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 185 सीटों पर विजय हासिल की.
2003 की तपती गर्मियों में रालयसीमा के शेर ने चंद्रबाबू नायडू सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए सूबे के पिछड़े इलाकों को अपने पैरों से नाप दिया. 1400 किलोमीटर लंबी उस पदयात्रा का असर ये हुआ कि जनता ने ना सिर्फ साल भर बाद उन्हें सूबे की गद्दी सौंप दी बल्कि पांच साल बाद सत्ता के द्वार पर दोबारा उनका ही स्वागत किया.
1980-1983 के बीच डॉक्टर वाईएसआर रेड्डी ने राज्य सरकार में ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला.
वे ग्यारहवीं विधानसभा में 1999 से 2004 तक विपक्ष के नेता रहे.
डॉक्टर रेड्डी कडप्पा संसदीय क्षेत्र से चार बार लोकसभा सदस्य रहे, जबकि पुलिवेंदुला विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुने गए.
2 सितंबर 2009 को करनूल जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी, राज्य के मुख्य सचिव पी सुब्रह्मण्यम, वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी एएससी वेसले और दो पायलट कैप्टन एस के भाटिया और कैप्टन एमएस रेड्डी का निधन हो गया.
रेड्डी 1983-1985 और 1998-2000 तक दो बार आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष रहे.