टीम इंडिया के 'युवराज' सिंह आज 31 साल के हो गए. युवी को उनका 32वां जन्मदिन मुबारक हो.
क्रिकेट के इतिहास में 8 सितंबर का दिन ऐतिहासिक बनने से पहले ही बारिश ने उसमें खलल डाल दिया.
इस बीच युवराज ने ट्विटर पर लिखा है कि यह दिन सबसे अहम है.
युवराज ने आगे लिखा है कि वर्ल्ड कप फाइनल के बाद यह दिन मेरे लिए काफी खास दिन है.
युवराज ने कैंसर को मात देकर इस मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले थे.
युवराज ने प्यार और हौसला अफजाई के लिए सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया है.
युवराज विश्व कप 2011 में 'मैन आफ द टूर्नामेंट' चुने गये थे लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही पता चला था कि उनके दोनों फेफड़ों के बीच में कैंसर है.
जब यह पता लगा तो उनका करियर खतरे में दिखने लगा लेकिन उन्होंने कीमोथेरेपी के तीन चरणों से गुजरने के बावजूद कुछ महीनों बाद ही क्रिकेट में वापसी कर ली.
इस 30 वर्षीय क्रिकेटर ने बैंगलोर की नेशनल क्रिकेट अकादमी में कड़ा अभ्यास किया है और जब मैदान पर उतरेंगे तो अपनी खास छाप छोड़ना चाहेंगे.
क्रिकेट के मैदान पर ऐसा कभी नहीं हुआ तथा युवराज जब नौ महीने के बाद फिर से भारतीय पोशाक पहनेंगे तो निश्चित तौर पर इससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरित होंगी.
अमेरिका में उपचार के बाद मीडिया की आंखों का तारा बनने के बावजूद युवराज ने अपनी फिटनेस और फुर्ती हासिल करने के लिये एनसीए में जमकर पसीना बहाया.
वह बेहतरीन वापसी करने में सफल रहते हैं या नहीं लेकिन सचाई यही है कि उन्होंने कैंसर को मात देकर वापसी की और यह आगे क्रिकेटिया किस्सों का अहम हिस्सा बन जाएगा.
युवराज ने कहा है कि मैंने एनसीए में तीन अभ्यास मैच खेले.
मुझे न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ और 11 सितंबर को होने वाले दो मैचों में मैच अभ्यास का मौका मिलेगा.
इसके बाद मैं दो और अभ्यास मैच खेलूंगा.
इस तरह से विश्व कप से पहले मैं सात मैच खेल लूंगा. यह मेरे लिये पर्याप्त मैच अभ्यास होगा.
विश्वकप से पहले जूते की एक कंपनी के लिए प्रचार करते युवराज और धोनी.
युवराज अपने चिर परिचित हंसते हुए अंदाज में.
टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा के साथ युवराज सिंह मंच साझा करते हुए.
मैदान में मैच से पहले अभ्यास करते युवराज सिंह.
युवराज को देश को सौगातें देन की उनकी आदत है. या यूं कहें इस काम में उन्हें महारत है.
इसकी शुरुआत उन्होंने अपने जिंदगी के सबसे पहले वर्ल्ड कप से कर दिया था. जनवरी 2001 में उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में देश को चैंपियन बनाया. उस टूर्नामेंट में युवराज थे मैन ऑफ द टूर्नामेंट.
इसके बाद इंतजार थोड़ा लंबा हुआ. लेकिन पहले ही वर्ल्ड टी-20 में उन्होंने जो धमाल किया वो अफसाना ही बन गया. इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंद में 6 छक्के और सेमीफाइनल कंगारू गेंदबाजों की क्लास.
और फिर जब भारत में एकदिवसीय वर्ल्ड कप हुआ तो हिंदुस्तान ने एकबार युवराज का वही अवतार देखा. हालांकि कि यही दौर था जब उन्हें कैंसर ने जकड़ दिया था.
लेकिन युवराज ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की. और देश को बनाया विश्व चैंपियन. अब युवराज को खिताबी जीत का चौका लगाना है. इसी तैयारी में वो जी-जान जुटे हैं.
क्रिकेट बिरादरी जब इतनी खुश है तो सोचिये जरा इस जांबाज की मां कितनी खुश होंगी. कैंसर से लड़े युवराज लेकिन अपने लड़के को सबसे बड़ा लड़ाका उनकी मां ने ही तो बनाया.
इलाज के बाद युवराज ने कहा था मैं रोता था लेकिन मां नहीं रोती थी. ऐसा नहीं कि वो पत्थर दिल हैं, दरअसल उन्हें एहसास था अगर वो टूटीं तो उनका बेटा भारी मुसीबत में फंस जायेगा.
वो आज अपने बेटे को वापसी के मुकाम तक लायीं हैं इस विश्वास के साथ की युवराज एक बार फिर विजेता ही साबित होंगे.
बॉलीवुड तो इतना खुश है मानों उसकी तमाम मुरादें एक साथ पूरी हो गईं हों. बॉलीवुड के तमाम सितारों से क्रिकेट के इस सितारे की दोस्ती थी. वो सभी आज अपने दोस्त से कह रहे हैं लड़ो जीत तुम्हारी ही होगी.
बॉलीवुड का युवराज से तकरीबन उतना ही गहरा और पुराना रिश्ता है जितना युवराज का क्रिकेट से.
युवराज के स्टाइल और स्टेटमेंट से कई सितारों तक को रश्क रहा है और अब जब युवराज मैदान पर उतर रहे हैं तो हर किसी को हिम्मत दिखाने और कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिल रही है.
सितारें चाहते हैं कि ये सितारा एक बार फिर चमके और अबकी जब चमके तो चमकता ही रहे. युवराज की वापसी ने सरहदों की सारे हदें तोड़ दी है. पाकिस्तानी कलाकार भी चाहते हैं कि युवराज दिलों जान से खेलें और ऊपर वाला ऐसा करने में उनकी मदद करे.
दूसरे खेलों के खिलाड़ियों को अकसर क्रिकेट से शिकायत होती है. लेकिन अब जबकि युवराज एक्शन में आने वाले हैं तो सबकी चाहत है कि देश का नाम रौशन करें और अपनी जिंदगी भी.
चंद दिनों पहले युवराज राष्ट्रपति भवन में थे. अर्जुन पुरस्कार लेने. उस शाम सबसे ज्यादा तालियां तब बज़ीं जब युवराज का नाम पुकारा गया. इसलिए नहीं कि युवराज क्रिकेटर हैं. बल्कि इसलिए कि वो खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल हैं.