कोरोना को ध्यान में रखते हुए झारखंड में विधानसभा सत्र से पहले कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया लेकिन उसके बाद भी विधायक इस महामारी को हल्के में ही लेते दिखे और मास्क न लगाने का कारण पूछने पर अजीबोगरीब दलील देने लगे. यहां तक कि खुद स्वास्थ्य मंत्री ने ही मास्क नहीं पहना हुआ था. वैसे तो विधानसभा के एंट्री गेट पर ही सैनिटाइजर के साथ मास्क न लाने वालों को मास्क मुफ्त में ही दिए जा रहे थे लेकिन विधायक तो इस महामारी से बिल्कुल ही बेखौफ नज़र आये.
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अमर बावरी जब विधानसभा में बिना मास्क के कैमरे में कैद हुए तो दलील देने लगे कि यहां खतरा नहीं है. पत्रकार, विधायक, कर्मचारी और प्रवेश करने वालों का कोरोना टेस्ट हो चुका है इसलिये मैं निश्चिंत हूं. हालांकि बाद में गलती का एहसास होने पर उन्होंने माफी भी मांगी.
बीजेपी के विधायक भानुप्रताप शाही का मास्क न पहनने पर कहना था कि बात करते वक्त पत्रकार ही शिकायत करते हैं कि आवाज साफ नहीं आती. जब मास्क हटा देता हूं तो कहते हैं कि मास्क क्यों नहीं पहना.
यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी बिना मास्क के नज़र आये. जैसे ही मास्क न पहनने का कारण पूछा तो गाड़ी में बैठकर निकल गए जबकि वह पहले कोरोना संक्रमित रह चुके हैं.
अम्बा प्रसाद कांग्रेस की विधायक हैं. उन्होंने ये माना कि SOP का पालन ज़रूरी है. हालांकि ये दलील देने लगीं कि कैमरे पर आने से पहले मास्क लगाया था, फिर सॉरी भी कह दिया.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी ने कहा कि उनका तो मास्क में दम घुटता है और ज्यादा दिन मास्क लगाया तो इसका असर फेफड़ों पर पड़ सकता है. जबकि ये एमबीबीएस डिग्री होल्डर भी हैं.
कोरोना के मामले वापस बढ़ने लगे हैं. ऐसे में लापरवाही महंगी पड़ सकती है. मंत्री हाजी हुसैन की मौत भी कोरोना के बाद हुई. शिबू सोरेन, रूपी सोरेन भी संक्रमित रहे, जगरनाथ महतो शिक्षा मंत्री का तो लंग्स ट्रांसप्लांट हुआ है और अभी वो चेन्नई से रांची नहीं लौटे हैं. पंजाब, केरल,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में 86% कोरोना के मामले दर्ज किए हैं. ओडिशा ने बगैर टेस्ट के झारखंड से आने वालों पर रोक लगा दी है.