पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता में आने के रोकना प्लान तैयार किया है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2022 के मंच पर सीएम ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता बनाने की बात कही, लेकिन साथ ही साफ कर दिया कि वो न तो पीएम बनना चाहती हैं और न ही पश्चिम बंगाल में किसी विपक्षी दल के लिए कोई सीट छोड़ना चाहती हैं.
2024 में विपक्षी एकता बनाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अभी चुनाव में डेढ़ साल बाकी है. हमें अपने देश के लिए एक साथ मिलकर काम करने की दिशा में कोशिश करनी होगी, नहीं तो लोग हमें माफ नहीं करेंगे. ऐसे में हमें यह भूल जाना चाहिए कि हम किस पार्टी और राज्य से हैं. अगर तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाती हैं तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उखाड़ फेंका जा सकता है. ममता ने कहा कि बीजेपी को 2024 में सत्ता में आने से रोकने के लिए हर तरह का समझौता करने के लिए तैयार हैं.
पीएम पद की दावेदारी पर क्या बोलीं ममता बनर्जी?
पीएम पद की दावेदारी के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं देश के प्रधानमंत्री पद की दावेदार नहीं हूं और न ही किसी पद की कोई लालसा है. 2024 में क्यों किसी चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ा जाए और क्यों किसी को बिल्ली के गले में घंटी बांधनी है. हमारा देश संघीय ढांचा है, जो राज्यों से मिलकर बनता है. ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियों को एक साथ आना चाहिए और लोकसभा में मिलकर चुनाव लड़ें.
साथ ही ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में किसी भी विपक्षी दल के लिए एक सीट नहीं छोड़ना चाहती हैं. ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर टीएमसी चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस, लेफ्ट या किसी भी विपक्षी दल के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ने की बात ममता बनर्जी ने कही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और लेफ्ट दस साल से हमारे खिलाफ लड़ रहे हैं.
इस मॉडल पर जोर दे रहीं ममता
दरअसल, ममता बनर्जी 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन तो चाहती हैं, लेकिन जिस राज्य में जो क्षेत्रीय दल मजबूत है वो चुनाव लड़े और बाकी दल उसे समर्थन करें. ममता बनर्जी इसी राजनीतिक मॉडल को लेकर लंबे समय से कवायद कर रही हैं, लेकिन कांग्रेस इस फॉर्मूले पर सहमत नहीं है. इसी के चलते विपक्षी गठबंधन अभी तक मूल रूप नहीं ले सका हैं. वहीं, कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी एकता की बात करना बेईमानी है, क्योंकि बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी वो ही पार्टी है. देश भर में उसका सियासी आधार है.
ममता बनर्जी ने जिस तरह से बंगाल में किसी भी विपक्षी दल के लिए एक भी सीट न छोड़ने के लिए कहा है, उसके चलते न तो कांग्रेस साथ आएगी और न ही लेफ्ट पार्टी. ऐसे ही दूसरे राज्यों में भी सियासी दिक्कतें हैं. यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस एक साथ आने के लिए तैयार नहीं हैं. बिहार में भी आरजेडी और कांग्रेस के बीच सियासी मनमुटाव चल रहा है. ऐसे में ममता बनर्जी भले ही खुद को पीएम की दावेदार न बता रही हों, लेकिन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों और कांग्रेस के बीच जो मतभेद हैं वो विपक्षी एकता की राह में बड़ी रुकावट है.
हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा कि लोग अगले लोकसभा चुनाव में मोदी के विरोध में वोट करेंगे. बीजेपी को नकारने के लिए वोट करें. ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'देश की आर्थिक स्थिति अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. कीमतें आसमान छू रही हैं. बहुत से लोगों के पास नौकरी नहीं है. क्या वह भगवान है? पीएम केयर फंड नाम की कोई चीज नहीं है. पैसा कहां से आया यह किसी को नहीं पता. महाराष्ट्र के विधायकों को असम के लग्जरी होटलों में रखने के पैसे कहां से लाते हो?
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि अगला चुनाव इस देश के लोगों और बीजेपी के बीच होगा. इस देश के लोग बीजेपी को बुलडोज कर देंगे. उन्होंने कहा कि लोग आपके (बीजेपी) लिए बुलडोजर बनेंगे. बीजेपी पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता का ज़बरदस्त दुरुपयोग किया और लोगों को बुलडोज़ कर सकते हैं. आप लोकतंत्र को बुलडोज़ कर सकते हैं, लेकिन अगले चुनाव में बीजेपी बनाम देश की जनता होगी और जनता लोकतांत्रिक तरीके से बीजेपी को बुलडोजर करेगी.