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36 साल के राममोहन सबसे युवा, 79 साल के मांझी सबसे बुजुर्ग... जानिए मोदी कैबिनेट की औसत उम्र

रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ग्रहण ली. इसके साथ ही 71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्यमंत्री हैं. ज्यादातर पुराने चेहरों को ही जगह मिली है. नए 33 चेहरे शामिल किए गए हैं. 7 महिला सांसदों को मंत्री बनाया गया है. इनमें राज्यसभा सांसद निर्मला सीतारमण का नाम भी शामिल है.

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नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल ने रविवार को शपथ ली है.
नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल ने रविवार को शपथ ली है.

एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी (73 साल) ने रविवार को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है. इसके साथ ही वे पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल करने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं. उनके इस कार्यकाल पर देशभर की नजरें टिकी हैं. मोदी सरकार 3.0 पिछली सरकार से कितनी अलग है, इसे लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं. नए मंत्रिमंडल की औसत उम्र 58 साल है. 36 साल के राममोहन सबसे युवा हैं. जबकि 79 साल के जीतनराम मांझी सबसे बुजुर्ग हैं.

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2019 में जब मोदी 2.0 सरकार का गठन हुआ और मंत्रियों ने शपथ ली, तब उनकी औसम उम्र 61 साल थी. हालांकि, साल 2021 में जब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो 3 साल औसत उम्र घटकर 58 साल हो गई थी. यानी औसम उम्र के मामले में मोदी सरकार इस बार भी पिछले रिकॉर्ड को रिपीट करते देखी जा सकती है.

ज्यादातर पुराने चेहरों को मिली जगह

रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मोदी के साथ ही 71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है. इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्यमंत्री हैं. ज्यादातर पुराने चेहरों को ही जगह मिली है. नए 33 चेहरे शामिल किए गए हैं. 7 महिला सांसदों को मंत्री बनाया गया है. इनमें राज्यसभा सांसद निर्मला सीतारमण का नाम भी शामिल है.

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अनुराग, रूपाला और राणे मंत्रिमंडल से बाहर

PM मोदी के दूसरे कार्यकाल में CCS (गृह, रक्षा, वित्त और विदेश) में शामिल चारों चेहरे अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर को फिर से कैबिनेट में मौका मिला है. पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, गजेंद्र सिंह शेखावत, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेद्र यादव, प्रह्लाद जोशी और हरदीप पुरी भी नई सरकार का हिस्सा बने हैं. हालांकि, अनुराग ठाकुर, पुरुषोत्तम रूपाला, राजीव चंद्रशेखर, स्मृति ईरानी और नारायण राणे जैसे दिग्गजों को इस बार सरकार में शामिल नहीं किया गया है. अनुराग, रूपाला और राणे चुनाव भी जीते हैं. केरल में पहली बार बीजेपी को जीत दिलाने वाले सुरेश गोपी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. लुधियाना से चुनाव हारने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. बिट्टू चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.

6 पूर्व सीएम को भी बनाया गया कैबिनेट मंत्री

छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी कैबिनेट में जगह मिली हैं. इनमें शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), मनोहर लाल (हरियाणा), सर्बानंद सोनोवाल (असम), एचडी कुमारस्वामी (कर्नाटक), जीतनराम मांझी (बिहार), राजनाथ सिंह (उत्तर प्रदेश) का नाम शामिल है. राजनाथ लगातार तीसरी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं. नरेंद्र मोदी भी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं.

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मंत्रिमंडल की औसत उम्र 58 साल

मोदी सरकार 3.0 की औसत उम्र 58.70 साल है. पिछली बार यह औसत उम्र 61 साल थी. बाद में 2021 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में यह घटकर 58 साल रह गई थी. इस बार सबसे उम्रदराज मंत्रियों में 79 साल के जीतनराम मांझी हैं. सबसे कमउम्र के टीडीपी के 36 वर्षीय के राममोहन नायडू और बीजेपी की 37 वर्षीय रक्षा खड़से हैं. पीएम नरेंद्र मोदी को मिलाकर एनडीए सरकार में 12 से ज्यादा चेहरे 70 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं.

70 प्लस के कितने मंत्री हैं

- जीतन राम मांझी (79 वर्ष)
 राव इंद्रजीत सिंह (74 वर्ष)
- राम नाथ ठाकुर (73 वर्ष)
- वी. सोमन्ना (73 वर्ष)
- गिरिराज सिंह (72 वर्ष)
- राजनाथ सिंह (72 वर्ष)
- हरदीप सिंह पुरी (72 वर्ष)
- श्रीपद नायक (71 वर्ष)
- डॉ. वीरेंद्र कुमार (70 वर्ष)
- मनोहर लाल (70 वर्ष)
- अर्जुन राम मेघवाल (70 वर्ष)
- भागीरथ चौधरी (70 वर्ष)

मोदी

60 प्लस के कितने मंत्री

- राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह (69 वर्ष)
- डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर (69 वर्ष)
- सीआर पाटिल (69 वर्ष)
- नितिन जयराम गडकरी (67 वर्ष)
- डॉ. जीतेन्द्र सिंह (67 वर्ष)
- कृष्ण पाल गुर्जर (67 वर्ष)
- शिवराज सिंह चौहान (65 वर्ष)
- सुरेश गोपी (65 वर्ष)
- निर्मला सीतारमण (65 वर्ष)
- एचडी कुमारस्वामी (64 वर्ष)
- रामदास अठावले (64 वर्ष)
- संजय सेठ (64 वर्ष)
- जगत प्रकाश नड्डा (63 वर्ष)
- जुएल ओराम (63 वर्ष)
- जाधव प्रतापराव गणपतराव (63 वर्ष)
-  एसपी सिंह बघेल (63 वर्ष)
- जॉर्ज कुरियन (63 वर्ष)
- बीएल वर्मा (62 वर्ष)
- सर्बानंद सोनोवाल (61 वर्ष)
- प्रल्हाद जोशी (61 वर्ष)
- पीयूष गोयल (60 वर्ष)
- दुर्गादास उइके (60 वर्ष)
- हर्ष मल्होत्रा ​​(60 वर्ष)

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50 प्लस के कितने मंत्री हैं

- अमित शाह (59 वर्ष)
- जी. किशन रेड्डी (59 वर्ष)
- पंकज चौधरी (59 वर्ष)
- नित्यानंद राय (58 वर्ष)
- कीर्तिवर्धन सिंह (58 वर्ष)
- गजेंद्र सिंह शेखावत (57 वर्ष)
- शोभा करंदलाजे (57 वर्ष)
- निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया (57 वर्ष)
- भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा (56 वर्ष)
- तोखन साहू (55 वर्ष)
- धर्मेंद्र प्रधान (54 वर्ष)
- भूपेंद्र यादव (54 वर्ष)
 अन्नपूर्णा देवी (54 वर्ष)
- अश्विनी वैष्णव (53 वर्ष)
- किरेन रिजिजू (53 वर्ष) 
- ज्‍योतिरादित्‍य एम.सिंधिया (52 वर्ष)
- डॉ. मनसुख मंडाविया (52 वर्ष)
- बंडी संजय कुमार (52 वर्ष)
- जितिन प्रसाद (50 वर्ष)
अजय टम्टा (50 वर्ष)

40 प्लस के कितने मंत्री

- मुरलीधर मोहोल (49 वर्ष)
- सतीश चन्द्र दुबे (49 वर्ष)
- पबित्रा मार्गेरिटा (49 वर्ष)
- डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी (48 वर्ष) 
- रवनीत सिंह (48 वर्ष)
- डॉ. एल. मुरुगन (47 वर्ष)
- कमलेश पासवान (46 वर्ष)
- राज भूषण चौधरी (46 वर्ष)
- जयंत चौधरी (45 वर्ष)
-सावित्री ठाकुर (45 वर्ष)
- सुकांत मजूमदार (44 वर्ष)
- अनुप्रिया पटेल (43 वर्ष)
- चिराग पासवान (42 वर्ष)
- शांतनु ठाकुर (41 वर्ष)

30 प्लस के कितने मंत्री हैं...

- के राममोहन नायडू (36 वर्ष)
- रक्षा निखिल खडसे (37 वर्ष)

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मोदी

इस बार महिला और युवा चेहरे कितने...

इस बार मोदी सरकार में युवा और महिलाओं का भी संतुलन देखने को मिला है. सात महिलाएं जगह बना सकीं हैं, जो कुल मंत्रियों का 10 फीसदी से कम है. निर्मला सीतारमण, शोभा करंदलाजे, अनुप्रिया पटेल को फिर मौका मिला है. महिलाओं जो पहली बार मंत्री बनी हैं, उनमें तीन बार की सांसद रक्षा खड़से (महाराष्ट्र के दिग्गज नेता एकनाथ खड़से की बहू), सावित्री ठाकुर (मध्य प्रदेश), निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया (गुजरात) और अन्नपूर्णा देवी (झारखंड) प्रमुख हैं.

करीब 18 चेहरे 50 साल या उससे कम उम्र के हैं. युवा चेहरों में के राममोहन नायडू, रवनीत सिंह बिट्टू, साबित्री ठाकुर, शांतनु ठाकुर, एल. मुरुगन, कमलेश पासवान, रक्षा खड़से, सतीश दुबे, राजभूषण चौधरी निषाद, जितिन प्रसाद, जयंत चौधरी, चंद्रशेखर पेम्मासामी, चिराग पासवान का नाम शामिल हैं. 

2019 में सबसे युवा स्मृति ईरानी, सबसे बुजुर्ग पासवान थे

साल 2019 में जब नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो कैबिनेट की औसत उम्र पिछली कैबिनेट से दो साल घट गई थी. 2019 की कैबिनेट में सबसे उम्रदराज मंत्री रामविलास पासवान थे, जबकि स्मृति ईरानी सबसे युवा मंत्री थीं. उसके बाद राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर का नाम था. केंद्रीय मंत्रियों में एक दर्जन मंत्रियों की उम्र 60 से 70 साल के बीच थी. 8 मंत्रियों की उम्र 50 से 60 और 2 मंत्रियों की उम्र 50 साल से कम थी. स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों में किरण रिजिजू के अलावा सभी की उम्र 50 साल से ज्यादा थी. 2019 में मोदी कैबिनेट की औसत उम्र 59.36 साल थी.

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विस्तार हुआ तो सबसे कम उम्र के थे निसिथ प्रामाणिक

2021 में जब मंत्रिपरिषद का विस्तार हुआ तो निसिथ प्रामाणिक (35 वर्ष) सबसे कम उम्र के मंत्री बने. सबसे ज्यादा उम्र के सदस्य 72 वर्ष के सोम प्रकाश थे. 50 वर्ष से कम आयु के अन्य मंत्रियों में स्मृति ईरानी (45 वर्ष), किरण रिजिजू (49 वर्ष), मनसुख मंडाविया (49 वर्ष), कैलाश चौधरी (47 वर्ष), संजीव बालियान (49 वर्ष), अनुराग ठाकुर (46 वर्ष), डॉ. भारती प्रवीण पवार (42 वर्ष), अनुप्रिया सिंह पटेल (40 वर्ष), शांतनु ठाकुर (38 वर्ष), जान बारला (45 वर्ष) और डॉ. एल मुरूगन (44 वर्ष) का नाम शामिल था. 2021 में शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों की औसत आयु 56 वर्ष थी. हालांकि नई मंत्रिपरिषद की औसत आयु 58 वर्ष हो गई थी. फेरबदल और विस्तार से पहले मंत्रिपरिषद की औसत आयु 61 वर्ष थी. 

इस बार 75 साल से ज्यादा उम्र का एक मंत्री

2014 की तरह 2019 में भी मोदी मंत्रिमंडल में 75 साल से ज्यादा उम्र वाले किसी भी सांसद को शामिल नहीं किया था. साल 2016 में नजमा हेपतुल्ला और कलराज मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटना पड़ा था. हालांकि, 2024 का कैबिनेट देखें तो सिर्फ जीतन राम मांझी (79 वर्ष) को कैबिनेट में जगह दी गई है.

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