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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेताओं का लगातार पार्टी से होता मोहभंग सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसा कोई हफ्ता नहीं जा रहा जब भाजपा से कोई नेता कांग्रेस में नहीं जा रहा हो. ऐसे नेताओं की संख्या 40 के पार पहुंच गई है, जो आगामी चुनाव में बीजेपी के लिए अच्छे संकेत तो नहीं है.
इस साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के सभी दिग्गज नेता प्रदेश के लगातार दौरा कर रहे हैं. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे बड़े नाम चुनावी साल में अपनी बैठकें और दौरे जारी रखे हुए हैं. वहीं, सूबे के असंतुष्टों को मनाने का जिम्मा तमाम केंद्रीय स्तर के नेताओं को दिया हुआ है, इसके बवजूद पार्टी छोड़कर बीजेपी नेताओं का कांग्रेस जॉइन करने का सिलसिला नहीं रुक रहा है.
इसमें ताज़ा नाम नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) इलाके के कद्दावर नेता और 2 बार के भाजपा विधायक गिरिजाशंकर शर्मा का है. हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले गिरिजाशंकर शर्मा भाजपा के स्थानीय विधायक और पूर्व विधानसभा स्पीकर सीताशरण शर्मा के सगे भाई हैं.
गिरिजाशंकर ने पार्टी छोड़ने के पीछे पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी को बड़ी वजह बताया है. उन्होंने आरोप लगाए कि बीते 10 साल से अधिक समय से पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही है. संगठन में नए लोग आ गए हैं, यह नए लोग पुराने लोगों को लगातार दरकिनार कर रहे हैं. पुराने नेताओं की पूछपरख नहीं की जा रही है और संगठन में भी कोई सुनने वाला नहीं है.
गिरिजाशंकर शर्मा ही नहीं, बीजेपी के कई दिग्गज नेता इस चुनावी साल में पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं. बीजेपी से अब तक करीब 40 छोटे बड़े नेताओं ने इस्तीफा देकर कांग्रेस की सदस्यता ले ली है.
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रमुख नेता इस प्रकार हैं:-
1. आदिवासी नेता और पूर्व सांसद माखन सिंह सोलंकी (बड़वानी)
2. सेवड़ा के पूर्व विधायक राधेलाल बघेल
3. जनसंघ के संस्थापक सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी (हाटपिपल्या)
4. मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर की आष्टा विधानसभा के जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह चौहान ने भी कांग्रेस
5. पूर्व विधायक राव देशराज सिंह जी के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव (अशोक नगर)
6. पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की पत्नी पूर्व विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे और उनके बेटे ने भी कांग्रेस जॉइन की.
7. पूर्व मंत्री सतना के बड़े अल्पसंख्यक नेता सईद अहमद ने कांग्रेस जॉइन
8. नरयावली विधायक प्रदीप लारिया के भाई हेमंत लारिया ने कांग्रेस जॉइन की
9. हरदा में मंत्री कमल पटेल के सहयोगी रहे दीपक सारण ने भी कांग्रेस जॉइन की
10. मध्य प्रदेश दुग्ध संघ और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर रही प्रसिद्ध पर्वतारोही मेघा परमार भी कांग्रेस में शामिल हुईं. मेघा मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के गृह ज़िले सीहोर के इच्छावर विधानसभा के गांव भोजनगर की निवासी हैं.
11 - नीतू परमार नगर पालिका अध्यक्ष मुल्ताई बैतूल
12. पंकज लोधा, धार
13. समंदर पटेल, नीमच
14. अजुम रहबर, इंदौर
15. रोशनी यादव, निवाड़ी
16. बैजनाथ सिंह यादव, शिवपुरी
17. वेदांती त्रिपाठी,
18. नितिन दुबे पत्रकार, सीहोर
19. ध्रुव प्रताप सिंह, विजयराघौगढ़, कटनी
20. मलखान सिंह, भिंड
21. अवधेश नायक, दतिया
22. शुभांगना राने, धार
23. नीरज शर्मा, सुरखी सागर
24. जितेन्द्र जैन गोटू,
25. राजकुमार धनौरा सुरखी
26. राजू दांगी, दतिया
27. देवराज बागरी, सतना
28. वंदना बाग़री, सतना
29. शंकर महतो, बहोरीबंद (कटनी)
30. बजरंग सेना
→ रघुनंदन शर्मा
→ रामशंकर मिश्रा
→ अरुण पाठक
→ उर्मिला मराठा
→ अम्बरीश राय
→ राजेन्द्र सिंह मुरावर
→ रणवीर पटैरिया
31 -भंवर सिंह शेखावत पूर्व विधायक भाजपा, जिला धार
32 -चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा जिला सागर (2 बार झांसी से सांसद रहे सुजान सिंह बुंदेला के पुत्र)
33 -वीरेंद्र रघुवंशी, भाजपा विधायक कोलारस (जिला शिवपुरी)
34 -छेदीलाल पांडे शिवम पांडे कटनी
35 -अरविंद धाकड़ शिवपुरी
36 -सुश्री अंशु रघुवंशी गुना
37 -डॉ. केशव यादव भिंड
38 -डॉ. आशीष अग्रवाल गोलू, भोपाल भाजपा के पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता के भांजे
39 -महेंद्र प्रताप सिंह नर्मदापुरम
40- गिरिजाशंकर शर्मा, पूर्व विधायक
आपको बता दें कि चुनाव के ठीक पहले इन नेताओं के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं के चले जाने से कैडर वाली पार्टी कहे जाने वाली बीजेपी के सामने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. इसके अलावा जो नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उनका भी क्षेत्र में प्रभाव है. ऐसे में बीजेपी के वोट भी उन नेताओं के साथ शिफ्ट होने का खतरा बढ़ गया है.
वहीं, बीजेपी के अंदर मची इस भगदड़ से सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हो रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक बीजेपी नेताओं को भी अब दिखने लगा है कि वहां अब उनकी पूछ नहीं इसलिए वो उस पार्टी में शामिल हो रहे है जो देश की सबसे पुरानी और सेक्युलर पार्टी है.
एमपी में बीजेपी की लम्बे समय से सरकार है. लेकिन जिस तेज़ी से नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे बीजेपी की स्थिति कर्नाटक जैसी ही दिखने लगी है, जहां चुनाव से पहले नेताओं में बीजेपी छोड़ने की होड़ लग गई थी.