Who is Ashok Mittal: पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत राज्यसभा में भी उसके नंबर बढ़ा देगी. 117 सीटों वाली विधानसभा में 92 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी अब अपने कोटे से राज्यसभा भी भेज रही है. पांच लोगों के नाम आए हैं. इनमें अशोक मित्तल को भी राज्यसभा भेजा जा रहा है. अशोक मित्तल लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) के चांसलर हैं.
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी इस समय देश की सबसे बड़ी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में से एक है. 600 एकड़ में फैली इस यूनिवर्सिटी में 50 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ते हैं. इसकी स्थापना अशोक मित्तल ने 2001 में की थी और कम समय में ही ये देश की टॉप यूनिवर्सिटी की रैंक में आ गई.
कौन हैं अशोक मित्तल?
अशोक मित्तल का जन्म 10 सितंबर 1964 को हुआ था. उनकी स्कूली पढ़ाई जालंधर के एक सरकारी स्कूल में हुई. DAV कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिर GNDU से लॉ की पढ़ाई की. 1950 के दशक में इनके पिता स्वर्गीय बलदेव राज मित्तल राजस्थान से पंजाब आ गए थे. अशोक मित्तल तीन भाईयों में सबसे छोटे हैं. इनके दो बड़े भाई नरेश मित्तल और रमेश चंदर मित्तल हैं.
500 रुपये के कर्ज से मिठाई की दुकान चलाई
अशोक मित्तल के पिता स्वर्गीय बलदेव राज मित्तल ने मिठाई की दुकान शुरू की थी. उन्होंने इसके लिए 500 रुपये का कर्ज लिया था. 10X10 की ये दुकान जालंधर में स्थित थी. मिठाई की कीमतें कम होने की वजह से दुकान चल पड़ी.
पिता को काम में हाथ बंटाने के लिए उनके बड़े बेटों रमेश और नरेश ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. रमेश ने 11वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी तो नरेश कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पिता के कारोबार में आ गए. छोटे बेटे अशोक ने पढ़ाई पूरी की और लॉ में ग्रेजुएशन किया.
1986 में मित्तल परिवार ने अपना मिठाई का कारोबार बढ़ाया और जालंधर में लवली स्वीट्स के नाम से मिठाइयों का एक शोरूम खोला, जहां कई तरह की मिठाइयां मिलती हैं. ये शोरूम आज भी है जो एक मॉल में तब्दील हो गया है.
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फिर हुई अशोक मित्तल की एंट्री
पढ़ाई पूरी करने के बाद अशोक मित्तल की कारोबार में एंट्री हुई. अशोक इस कारोबार को सिर्फ मिठाई तक सीमित नहीं रखना चाहते थे, वो इसे दूसरे क्षेत्रों में बढ़ाना चाहते थे. अशोक ने इसके लिए ऑटो सेक्टर को चुना.
90 के दशक में बजाज की टू-व्हीलर आम आदमी की पहचान बन चुकी थी, इसलिए उन्होंने बजाज की डीलरशिप लेने का फैसला लिया. बताया जाता है कि शुरुआत में बजाज ने अपनी डीलरशिप एक मिठाई वाले को देने से मना कर दिया था.
हालांकि, बाद में उन्हें ये डीलरशिप मिल गई. 1991 में अशोक मित्तल ने लवली ऑटो के नाम से डीलरशिप शुरू की. 1996 में उन्हें मारूति सुजुकी की डीलरशिप भी मिल गई. कुछ ही वक्त में लवली ऑटो का नाम पंजाब की सबसे बड़ी ऑटो डीलरशिप में शामिल हो गया.
फिर शुरू की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
मिठाई और ऑटो डीलरशिप के बिजनेस में कामयाबी मिलने के बाद अशोक मित्तल ने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला लिया. इस मकसद से उन्होंने 2001 में पंजाब के फगवाड़ा में पहला कॉलेज शुरू किया. ये कॉलेज 3.5 एकड़ में फैला था.
धीरे-धीरे इसमें कई सारे कॉलेज शामिल होते गए और ये लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी बन गई. दो साल तक चली कागजी कार्रवाई के बाद 2005 में पंजाब सरकार ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी को यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया.
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अब तीसरी पीढ़ी संभाल रही कारोबार
लवली ग्रुप भारत के बड़े कारोबारी घरानों में से एक है. बलदेव राज मित्तल की मिठाई की दुकान से शुरू हुआ ये बिजनेस ग्रुप आज मिठाई की दुकानों के अलावा यूनिवर्सिटी, कॉलेज और ऑटो डीलरशिप जैसे कारोबार भी संभाल रहा है.
आज इस लवली ग्रुप को तीसरी पीढ़ी संभाल रही है. बलदेव राज मित्तल के बाद ये कारोबार रमेश, नरेश और अशोक मित्तल के पास आया. उनके बाद अब उनके बेटे भी इस कारोबार से जुड़ गए हैं. रमेश मित्तल के बेटे अमित और अमन, नरेश मित्तल के बेटे शैशव और वैभव इस कारोबार से काफी पहले ही जुड़ गए थे.
वहीं, अशोक मित्तल के बेटे प्रथम मित्तल भी लवली ग्रुप से जुड़े हुए हैं. प्रथम ने अमेरिका की पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने 2012 में अपना एक स्टार्टअप भी शुरू किया था.
(इनपुटः ललित)