आम आदमी पार्टी के पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने एक RTI के हवाले से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया है कि तीनों कृषि कानूनों के पारित किए जाने के बारे में कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक साल पहले से ही जानकारी थी. राघव चड्ढा ने कहा है कि ''कैप्टन अमरिंदर साहब ने पंजाब के लोगों के साथ गद्दारी की है. इस गुनाह के लिए इससे छोटा शब्द इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.''
आप नेता राघव चड्डा ने दावा किया, ''7 अगस्त 2019 से कैप्टन अमरिंदर सिंह को पता था कि किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को लाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह को उच्चाधिकार प्राप्त समिति का सदस्य नियुक्त किया था.''
राघव चड्डा ने आगे कहा कि ''मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती देता हूं कि वे कोई एक सबूत पेश करें, जिससे यह साबित हो सके कि कृषि कानूनों को लेकर गठित उच्चाधिकार समिति में उन्होंने तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में असहमति प्रकट की थी.''
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''कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन बैठकों की वास्तविकता को लेकर किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया होता तो आज अन्नदाताओं को इस कड़कड़ाती ठंड में इतनी रातें न गुजारनी पड़तीं. स्पष्ट हो गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी के एजेंट हैं, कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रधानमंत्री मोदी के बीच ये मैच फिक्सिंग का स्पष्ट मामला है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुलेआम पंजाब के लोगों-किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है''
आम आदमी पार्टी के पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने आगे कहा ''कैप्टन अमरिंदर ने इन बैठकों में कृषि कानूनों को लेकर चर्चा क्यों नहीं की? जब उन्हें तीनों काले कृषि कानूनों के बारे में अच्छी तरह से पता था तो पंजाब के किसानों के साथ विचार विमर्श क्यों नहीं किया''
''आरटीआई से बड़ा सबूत और क्या हो सकता है? हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कैप्टन ने पंजाब के अन्नदाता और किसानों से छलपूर्वक झूठ बोला है, सभी को गुमराह किया गया है''.