बंगाल में पिछले कुछ समय से टीएमसी के नेताओं के बीच अंदरूनी झगड़े की कई खबरें सामने आ रही हैं. ताजा मामला मालदा में टीएमसी के दो नेताओं की हत्या का है, जहां हत्या के पीछे अंदरूनी संघर्ष को कारण माना जा रहा है. बुधवार को टीएमसी के शीर्ष नेता अभिषेक बनर्जी ने खुले तौर पर कहा कि दो व्यक्तियों के बीच मतभेद उन्हें वह करने की अनुमति नहीं देते जो वे उचित समझते हैं.
बनर्जी ने फाल्टा में कहा, "जब कोई पार्टी बड़े पैमाने पर बन जाती है तो अंदरूनी मतभेद होते हैं. परिवारों में भी अंदरूनी मतभेद होते हैं. पार्टी के हजारों सदस्यों के साथ मतभेद होना सामान्य बात है. क्या कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच मतभेद नहीं होते? लेकिन, इससे किसी को भी अपनी मर्जी से कुछ भी करने की अनुमति नहीं मिलती."
बनर्जी ने आगे कहा कि पार्टी ने हमेशा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है जो पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, "प्रशासन भी आवश्यक कार्रवाई करता है. सीएम ममता बनर्जी ने अपना रुख स्पष्ट किया है. दुलाल सरकार हत्या मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है और आरोपी को गिरफ्तार किया है."
इसी के साथ अभिषेक बनर्जी ने यह संकेत देने की कोशिश की कि टीएमसी की पार्टी में किसी भी तरह के आपराधिक कृत्य या किसी भी गतिविधि के प्रति कोई सहिष्णुता नीति नहीं है. उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि विनम्रता महत्वपूर्ण होनी चाहिए और अहंकार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बनर्जी ने कहा, "बूथ स्तर के पार्टी सदस्यों और मुझे भी पार्टी अनुशासन बनाए रखना होगा. मैं आज सभी तृणमूल कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहता हूं कि जनता हमें चुनती है और इसलिए हमें विनम्र होने की जरूरत है. पार्टी के दरवाजे उन लोगों के लिए बंद रहेंगे जो खुद को ऊंचा समझते हैं और ताकत दिखाने की कोशिश करते हैं. हम लोगों की पार्टी हैं और तृणमूल और विपक्षी दलों के बीच एक बुनियादी अंतर है."