लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में मांग की गई है कि सदन की सुनवाई का वो हिस्सा हटाया जाए जहां पर बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम उछाला जा रहा था. जोर देकर कहा गया है कि 'राष्ट्रपत्नी' वाले विवाद से सोनिया गांधी का कोई लेना देना नहीं था.
अधीर रंजन चौधरी ने लिखा है कि सदन में स्मृति ईरानी लगातार चिल्ला रही थीं- द्रौपदी मुर्मू. लेकिन एक बार भी उन्होंने उनके नाम से पहले राष्ट्रपति नहीं लगाया. ये राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाता है. ऐसे में उस हिस्से को सदन की कार्यवाही से हटा देना चाहिए. इसी तरह अधीर रंजन चौधरी ने उस किस्से का भी जिक्र किया है जहां पर सोनिया गांधी की स्मृति ईरानी और दूसरे बीजेपी नेताओं के साथ नोकझोंक हुई.
उस विवाद पर रंजन ने स्पीकर को लिखा कि उस मामले से सोनिया गांधी का कुछ भी लेना नहीं था. फिर भी स्मृति ईरानी और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने जबरदस्ती उनका नाम उछाला. स्मृति ईरानी ने तो सोनिया के साथ ठीक तरह से व्यवहार भी नहीं किया. इससे पहले ऐसा कभी भी सदन में नहीं देखा गया था.
इसी चिट्ठी में आगे अधीर रंजन चौधरी ने लिखा है कि इस विवाद के साथ जब-जब सोनिया गांधी का नाम उछाला गया, उस हिस्से को कार्यवाही का हिस्सा ना बनाया जाए. अभी तक कांग्रेस नेता की चिट्ठी पर स्पीकर द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन ये विवाद इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि इस बार बीजेपी बनाम पूरे विपक्ष की एक अलग ही जंग शुरू हो गई है. एक तरफ बीजेपी, कांग्रेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान का आरोप लगा रही है तो वहीं कांग्रेस और दूसरे विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं कि सोनिया गांधी के साथ अभद्रता की गई.