RJD सांसद मनोज झा द्वारा राज्यसभा में ठाकुरों पर सुनाई गई कविता को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. जहां आरजेडी विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन इस बयान को लेकर मनोज झा पर हमलावर हैं, तो वहीं लालू यादव खुलकर मनोज झा के समर्थन में उतर आए हैं. अब लालू के बाद उनके बेटे तेज प्रताप ने भी आनंद मोहन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, आजकल के क्षत्रिय बस जाति के नाम पर दिखावा करते हैं.
दरअसल, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में ठाकुरों पर टिप्पणी की थी. उन्होंने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनते हुए ठाकुरों का जिक्र किया था और अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी. मनोज झा के इस बयान को लेकर बीजेपी, आरजेडी के क्षत्रिय नेताओं ने उनपर निशाना साधा था.
चेतन आनंद और आनंद मोहन ने साधा मनोज झा पर निशाना
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा था कि अगर वे मनोज झा के भाषण के दौरान राज्यसभा में होते तो वे जीभ खींचकर आसन की ओर उछाल देते. वे ऐसे शख्स हैं जो अपनी ही सरकार के खिलाफ बंदूक उठाकर लड़े हैं ताकि आपकी अस्मिता की रक्षा की जा सके. अगर मैं होता राज्यसभा में तो जीभ खींचकर आसन की ओर उछालकर फेंक देता... सभापति के पास. ये अपमान नहीं चलेगा. ये बर्दाश्त नहीं होगा. हम जिंदा कौम के लोग हैं. अगर आप इतने बड़े समाजवादी हैं तो झा क्यों लगाते हैं. जिस सरनेम की आप आलोचना करते हैं उसको तो आप छोड़कर आइए.
मनोज झा के बयान पर विधायक चेतन आनंद ने हमला बोला है. चेतन आनंद ने कहा, ''ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलते हैं और समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन है. ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'' चेतन आनंद ने कहा, राज्यसभा में जब मनोज झा बोल रहे थे तो उन्होंने कविता के जरिए ठाकुर समाज को पूरी तरीके से विलेन के रूप में पेश किया. चेतन आनंद ने कहा कि मनोज झा के बयान से तेजस्वी यादव के राजद को A to Z की पार्टी बनाने के कदम को झटका लगा है.
क्या कहा तेज प्रताप ने?
तेज प्रताप ने 'महाभारत' सीरियल का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''क्षत्रिय ब्राह्मण के रक्षा हेतु अपने प्राण तक न्योछावर कर देते हैं. इसका उदाहरण वेद, पुराण और हमारा इतिहास गवाह है कि जब भी ब्राह्मण पर कोई संकट आया है क्षत्रिय सदैव सबसे पहले आगे रहे हैं. लेकिन आजकल के क्षत्रिय बस जाति के नाम पर दिखावा करते हैं.''
लालू ने भी साधा निशाना
लालू यादव ने आजतक से बातचीत में कहा, आनंद मोहन को जितनी बुद्धि होगी, उतना ही बोलेगा ना. लालू ने कहा, आनंद मोहन पहले अपनी अक्ल और शक्ल देखें. चेतन आनंद को भी अक्ल नहीं है.
इससे पहले लालू ने एक बयान में कहा, मनोज ने बिल्कुल ठीक कहा है. किसी जाति का अपमान नहीं किया है. जो लोग मनोज झा के बयान पर शोर मचा रहे हैं, वे अपनी जाति का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए. लालू का कहना था कि मनोज झा एक विद्वान व्यक्ति हैं. उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल सही है. उनका इरादा राजपूतों/ठाकुरों या किसी अन्य समुदाय का अपमान करने का नहीं था.
मनोज झा ने सुनाई थी ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता
"चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का.
भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का.
बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की.
कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?"