कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन लगातार 23 दिनों से जारी है. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम आठ पन्नों का एक खुला पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के किसानों के नाम लिखे गए पत्र को पढ़ने की अपील की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें. देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.
कृषि मंत्री @nstomar जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। https://t.co/9B4d5pyUF1
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2020
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और किसानों के बीच झूठ की दीवार खड़ी करने की साजिश रची जा रही है. किसानों के नाम लिखे एक पत्र में तोमर ने दावा किया कि तीन कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नये अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे.
कृषि कानूनों को 'ऐतिहासिक' करार देते हुए तोमर ने कहा कि इन सुधारों को लेकर उनकी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है और कई किसान संगठनों ने इनका स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वह इससे बहुत खुश हैं और किसानों में एक नई उम्मीद जगी है. उन्होंने ने कहा, ''देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी लगातार मिल रहे हैं, जिन्होंने नए कानूनों का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है.''
उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधार कानूनों का दूसरा पक्ष ये है कि किसान संगठनों में एक भ्रम पैदा कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ''देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं. मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है उसकी सच्चाई और सही वस्तु स्थिति आपके सामने रखूं.''
इस पत्र में कृषि मंत्री ने लिखा कि कृषि सुधारों को लेकर भ्रम पैदा कर दिया गया है. पिछले 20-25 वर्षों में किसी भी किसान नेता या संगठन का कोई बयान दिखा दें जिसमें कहा गया हो कि किसानों को उपज का बेहतर विकल्प नहीं मिलना चाहिए. कृषि मंत्री ने कहा कि मंडिया चालू हैं और चालू रहेंगी. एपीएमसी को अधिक मजबूत किया जा रहा है.
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इसके अलावा इस पत्र में लिखा है कि जमीन पर किसान का मालिकाना हक रहेगा और किसानों की एक इंच जमीन भी नहीं छिनने दी जाएगी. कृषि मंत्री कहा है कि विपक्ष गुमराह कर रहा है.
कृषि मंत्री के 8 आश्वासन
- किसानों की जमीन को खतरा नहीं, मालिकाना हक उन्हीं का रहेगा.
- किसानों को तय समय पर भुगतान किया जाएगा
- तय समय पर भुगतान नहीं करने पर जुर्माना लगेगा
- खुले बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेचने का विकल्प
- MSP जारी है और जारी रहेगी
- मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी
- करार फसलों के लिए होगा, जमीन के लिए नहीं, किसान जब चाहें करार खत्म कर सकते हैं
- APMC मंडियां कानून के दायरे से बाहर हैं
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि मंत्री के तौर पर मेरे लिए ये बहुत संतोष की बात है कि नए कानून लागू होने के बाद इस बार एमएसपी पर सरकारी खरीद के भी पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. ऐसे समय में जब हमारी सरकार एमएसपी पर खरीद के लिए नए रिकॉर्ड बना रही है, खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ रही है, कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी. कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की वो राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कुछ लोगों द्धारा फैलाए जा रहे इस सफेद झूठ को पहचानें और सिरे से खारिज करें.
तोमर ने कहा कि जो सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दे रही है और जिसने पिछले छह साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई, वह सरकार एमएसपी कभी बंद नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ''एमएसपी जारी है और जारी रहेगी. मंडिया चालू हैं और चालू रहेंगी. एपीएमसी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है. कृषि उपज मंडियां पहले की तरह काम करती रहेंगी. बीते 5 वर्षों में कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं. उन्हें आने वाले समय में और आधुनिक बनाया जाएगा.''
तोमर ने आगे लिखा, 'इस पत्र के माध्यम से आप से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि ऐसे किसी भी बहकावे में आए बिना तथ्यों के आधार पर चिंतन मनन करें. आपकी हर शंका आशंका को दूर करना, उसका उत्तर देना हमारी सरकार का दायित्व है. हम अपने इस दायित्व से ना कभी पीछे हटे हैं, ना कभी पीछे हटेंगे.''
उन्होंने कहा, आप विश्वास रखिए, किसानों के हित में किए गए सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे, देश के किसानों को और स्वतंत्र करेंगे, सशक्त करेंगे. इन्हीं सुधारों की उर्जा से हम मिलकर भारत की कृषि को समृद्ध और संपन्न बनाएंगे.