कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मोदी सरकार बातचीत के लिए तैयार है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या को लेकर हमने चर्चा की है. दो बार बातचीत हुई है. एक बार अधिकारी लेवल पर और एक बार मैं खुद चर्चा में शामिल था हमने सरकार की तरफ से 3 दिसंबर को पुनः चर्चा के लिए उन्हें आमंत्रित किया है.
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि, ''मैं अपील करना चाहूंगा कि सर्दी का मौसम है. बीट का समय है. किसान आंदोलन का रास्ता छोड़कर चर्चा करें. हमने अपने तरफ से निमंत्रण दिया हुआ है. जब तक मोदी जी प्रधानमंत्री हैं तब तक किसानों का अहित नहीं हो सकता है." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं किसानों से अपील करता हूं कि किसान संगठन चर्चा में शामिल हों और बातचीत कर समस्या का हल निकालें.
कृषि मंत्री ने कहा कि 3 दिसंबर को चर्चा के लिए किसान यूनियन की तरफ से जो जवाब आएगा या कोई प्रस्ताव आएगा बातचीत के लिए तो उस पर हम विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि एमएसपी अब भी है और आगे भी रहेगी. किसान चाहें तो वह तुलना कर सकते हैं कि कांग्रेस के शासनकाल में और मोदी के शासनकाल में किसानों के लिए क्या हुआ है.
कांग्रेस पर निशाना
कृषि मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बिल पर बात करने के लिए राहुल गांधी को कोई नैतिक अधिकार नहीं है. वह झूठ बोलने में माहिर हैं. वह पहले अपनी घोषणापत्र से मुकरे फिर बात करें. उन्होंने कहा कि हमें राहुल गांधी की सलाह की जरूरत नहीं है.
बता दें कि पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों के काफिले को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई है. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थिति निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है. हालांकि, किसान इस दौरान दिल्ली के किसी ओर इलाके में नहीं जा सकेंगे. साथ ही इस दौरान पुलिस किसानों के साथ ही रहेगी.