बिहार चुनाव में सफलता हासिल करने के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की नजरें अब बंगाल विधानसभा चुनाव पर हैं. बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव है. इस चुनाव को लेकर AIMIM चीफ ओवैसी ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
ओवैसी ने इसी सिलसिले में शनिवार को पश्चिम बंगाल से आए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की और चुनाव पर तैयारियों पर चर्चा की. AIMIM चीफ ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, "आज AIMIM के पश्चिम बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सार्थक मीटिंग हुई. मैंने आगामी चुनाव को लेकर उनके विचार विस्तृत रूप से जानें और राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. इस मीटिंग में शामिल सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद."
बता दें कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद ही ओवैसी ने ही ऐलान कर दिया था कि उनका अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 27 फीसदी है.
Held a very fruitful meeting today with @aimim_national West Bengal party functionaries. I've taken their detailed views with regards to upcoming polls & the political situation in the state. Thankful to all of them for participating in the meeting pic.twitter.com/Lf5t64Mkyw
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2020
बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी को बड़ी संख्या में TMC के वोट मिलते हैं. इस के बाद कांग्रेस का नंबर आता है. बिहार में मुस्लिम मतदाताओं के बीच AIMIM का उभार ममता बनर्जी के चिंता का सबब है. बंगाल में तीन जिले ऐसे हैं जहां मुस्लिम वोटर 50 फीसदी से भी अधिक है, जबकि कई जिलों में 25 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी है.
अगर सीटों का हिसाब लगाएं तो कुल 294 विधानसभा सीटों में से 90 पर मुस्लिम मतदाता ही जीत और हार का अंतर तय करते हैं.
10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ओवैसी ने आजतक से कहा था कि वे बंगाल का चुनाव लड़ेंगे, क्या करेगा कोई. दरअसल ओवैसी की ये प्रतिक्रिया तब आई थी जब उन पर महागठबंधन की ओर से आरोप लगाया गया था कि उनकी वजह से बिहार में मुस्लिम वोट बंटे और महागठबंधन के उम्मीदवारों की हार हुई. इस पर ओवैसी ने कहा कि अगर ये बात है तो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के चुनावों में कांग्रेस की हार क्यों हुई.