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किसान बिल को लेकर कांग्रेस, केंद्र सरकार का विरोध कर रही है. जबकि कांग्रेस ने भी 2019 के लिए जारी किए गए मेनिफेस्टो में कृषि उपज विपणन समिति (APMC) कानून को हटाने और कृषि उत्पाद को बाधा मुक्त बनाने की बात कही थी. सोशल मीडिया पर कांग्रेस का सात साल पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है. जिसमें राहुल गांधी कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ बैठे दिख रहे हैं.
फोटो के ऊपर लिखा गया है कि सभी कांग्रेस शासित राज्य फल और सब्जियों को APMC एक्ट से डिलिस्ट करेंगे, यानी कि बाहर करेंगे. जिससे कि दाम कम किया जा सके.
इससे पहले कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेता संजय झा ने पार्टी को 2019 लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो की याद दिलाते हुए कहा था कि किसानों को लेकर दोनों पार्टी का स्टैंड एक ही है.
संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'मित्रों, हमारे कांग्रेस के 2019 के घोषणापत्र में हमने खुद ही एपीएमसी एक्ट को खत्म करने और किसानों को दलालों के चंगुल से आजाद कराने का वादा किया था. आज मोदी सरकार ने किसान बिल के जरिए वही किया है. किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही पेज पर हैं.'
हालांकि इसके जवाब में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि APMC कानूनों पर कांग्रेस के घोषणापत्र के बयान को बीजेपी प्रवक्ताओं ने तोड़ मरोड़ के पेश कर निराश किया. हमने घोषणापत्र में वादा किया था कि हम छोटे शहरों और बड़े गांवों में हजारों किसानों के बाजार बनाएंगे. एक बार पूरा होने के बाद, APMC कानूनों को बदला जा सकता है.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के किसानों को आश्वस्त किया है कि लोकसभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे और नए प्रावधान लागू होने के कारण वे अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे.
प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस पर, आरोप लगाया कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं और बिचौलियों के साथ किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रही हैं. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इस भ्रम में न पड़ें और सतर्क रहें.
बता दें, कृषि और किसानों से जुड़े दो बिलों को लेकर किसानों के विरोध की गूंज संसद से सड़क तक सुनाई दे रही है. इस बीच दोनों बिल लोकसभा में गुरुवार को पास हो गए हैं. सरकार ने पांच जून 2020 को ही अध्यादेश जारी किए थे, यह तीनों विधेयक (कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 ) उन संबंधित अध्यादेशों की जगह लेंगे.
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक के द्वारा सरकार ने कृषि पैदावार को किसानों को किसी भी राज्य में बेचने और मार्केटिंग करने का अधिकार दे दिया है. पहले किसान अपने राज्य की APMC मंडियों में ही इसे बेच पाते थे. सरकार का तर्क है कि इससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम मिलेगा और कृषि उत्पादों की इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग हो पाएगी.